
शिव की पूजा कल्याणकारी होती है : देवी चंद्रमुखी
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
ब्यूरो चीफ : रिजवान सिद्दीकी
झालू। ग्राम धर्मपुर में झारखंडी शिव मंदिर में आयोजित श्री शिव महापुराण के द्वितीय दिन कथा व्यास देवी चंद्रमुखी के मुखारविंद से श्रद्धालुओं को कथा का रसपान किया।
रविवार को कस्बा झालू के निकटवर्ती ग्राम धर्मपुरा में स्थित झारखण्डी शिव मंदिर प्रांगण में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया। जिसमें कथा वाचक व्यास देवी चंद्रमुखी ने कथा के द्वितीय दिन कथा का वर्णन करते हुए कहा कि शिव महापुराण 18 पुराणों में से एक है। जिसमें भगवान शिव की लीला, कथाओं और पूजा का विधि सहित एवम शिवलिंग की उत्पत्ति और शिव भक्ति से संबंधित कथाएं मौजूद हैं। शिव महापुराण में नारद को काम वासना का मोह, शिव का लिंग रूप में निराकार व मूर्ति के रूप में प्रकट होने व माता सती की कथा का विस्तार से वर्णन है। जिसका व्यास देवी चंद्रमुखी ने अपने मुखविंद से श्रद्धालुओं को रसपान कराया कहा कि साकार रूप में शिव मनुष्य रूप में हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये और बाघ की छाल पहने नज़र आते हैं। जबकि निराकार रूप में भगवान शिवलिंग रूप में पूजे जाते हैं। शिवपुराण में कहा गया है कि साकार और निराकार दोनों ही रूप में शिव की पूजा कल्याणकारी होती है लेकिन शिवलिंग की पूजा करना अधिक उत्तम है। इसलिए भक्ति भाव और मन में श्रद्धा रखकर विश्वास के साथ शिव महापुराण की कथा का श्रवण करना चाहिए। कथा में डॉ धर्मवीर सिंह, सूरज सिंह, लटूर सिंह, सरिता, सुमन, संध्या सैनी, साक्षी सैनी, संजुला, बाला, विनेश, मलखान, महिमा सैनी आदि श्रदालु मौजूद रहे।