
संविदा चिकित्सक पर सी एम ओ की मेहरबानी से क्षेत्रीय जनों में आक्रोश
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
बाहर की जांच एवं बाहर की दवा पर ही डाक्टर राकेश मौर्य को रहता है विश्वास
बहुआरा में नियुक्ति पर केकराही में कई वर्षों से किए गए हैं अटैच
मरीजों का आरोप डाक्टर द्वारा लिखे गए पैथोलॉजी से जांच न कराने पर किया जाता है सौतेला व्यवहार
केकराही
करमा विकास खंड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केकराही पर नियुक्त संविदा चिकित्सक के ऊपर उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश का कोई असर नहीं दिख रहा।
बताते चलें कि केकराही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नियुक्त संविदा चिकित्सक डा राकेश कुमार मौर्य जिनकी नियुक्ति स्थल बहुआरा के लिए है,अपनी पैठ बना कर केकराही अस्पताल में अंगद की तरह पैर जमाए हुए है। आए दिन इनके कृत्यों से हंगामा होना आम बात हो गई है,परन्तु सी एम ओ साहब की मेजबानी से मरीजों के शिकायत इनके खिलाफ कोई कार्यवाही को कौन कहे इन्हें मूल पद पर भी नहीं भेजा जा रहा है। दिनांक 21/07/25 को इनका फिर एक कारनामा उजागर होते ही हंगामा शुरू हो गया। कसया कला गांव निवासी अनूप विश्वकर्मा अपने बेटे मनीष विश्वकर्मा का इलाज कराने केकराही पी एच सी पहुंचे, तो वहां ड्यूटी में तैनात डाक्टर राकेश मौर्य सीबीसी जांच कराने हेतु लिखे,और बोले कि अस्पताल की मशीन खराब है,सामने सोनभद्र पैथोलॉजी पर जांच करा लो, जब उसने कहा कि मेरे पास इतना पैसा नहीं है, किसी अन्य पैथोलॉजी पर जांच करा ले तो मरीज पर बिगड़ गए।उसके साथ सौतेला व्यवहार करते नजर आए। यह इनका कोई पहला कारनामा नहीं है,इसके पूर्व भी इन्होंने कसया कला गांव निवासी ओम प्रकाश, पापी निवासी रामजी,बैजनाथ,बसदेवा गांव निवासी रमेश प्रसाद के परिजनों के साथ भी ऐसा प्रकरण किया जा चुका हैं। जब उनसे इस संबंध में पूछा गया तो पहले उन्होंने साफ इनकार कर दिया। जब मरीज के परिजन अनूप विश्वकर्मा से बात कराई गई तो घबराकर बोले ख्याल नहीं आ रहा है। जब उनसे पूछा गया कि यह आप के खिलाफ तीसरी बार स्थिति उत्पन्न हुई है तो उन्होंने कहा प्लीज आगे ध्यान रखा जाएगा।क्षेत्रीय जनों का कहना है कि सी एम ओ साहब के सामने कौन ऐसी मजबूरी है कि इन्हें मूल पद व नियुक्ति स्थल पर भेजने में असमर्थ हैं। ए बी वी पी के पदाधिकारी ललितेश मिश्र एवं दीपक दुबे ने सी एम ओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आगाह किया कि यदि इन्हें तत्काल बहुआरा मूल तैनाती स्थल पर स्थानांतरित नहीं किया जाता तो विवश होकर क्षेत्रीय लोगों के हित में धरना प्रदर्शन हेतु बाध्य होना पड़ेगा। जब इस संबंध में सी एम ओ से संपर्क किया गया तो काल रिसीव नहीं की गई।