
स्ट्रीट फूड सिर्फ भोजन ही नही बल्कि सांस्कृतिक आधारशिला है जो हमे एकजुट करती है, देश फूड इकोसिस्टम की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी -अनुप्रिया पटेल
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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उत्तर प्रदेश का इतिहास जितना समृद्ध उतना ही की पाककला-स्थानियों निवासियों को आकर्षित करती है स्ट्रीट फूट -केन्द्रीय मंत्री
मा0 केन्द्रीय मंत्री स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं रसायन उर्वरक ने जी0आई0सी0 में आयोजित स्ट्रीट फूड विक्रेताओ के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का किया शुभारम्भ
मीरजापुर 13 अप्रैल 2025- मा0 केन्द्रीय राज्यमंत्री स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं रसायन उर्वरक मंत्रालय भारत सरकार श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज खाद्य विभाग द्वारा जी0आई0सी0 परिसर महुवरिया में आयोजित स्ट्रीट फूड विक्रेताओ के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यकम का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मा0 उपाध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग सोहन लाल श्रीमाली, मा0 विधायक छानबे रिंकी कोल, जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी बृज भूषण सिंह, जिला अध्यक्ष अपना दल एस इंजीनियर राम लौटन बिन्द, चेयरमैन सहकारिता मीरजापुर/सोनभद्र जगदीश सिंह पटेल, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद मीरजापुर श्याम सुन्दर केसरी, प्रदेश सचिव मेघनाथ पटेल के अलावा प्रभारी जिलाधिकारी विशाल कुमार उपस्थित रहें।
स्ट्रीट फूड देश के फूड इकोसिस्टम की सबसे महत्वपूर्ण धमनियाँ हैं। यह देश की संस्कृति से जुड़ा है, हमारी पहचान से जुड़ा है। इसके बिना भारत के पारंपरिक स्वाद की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है। और इसीलिए खाद्य सुरक्षा की जब भी बात होगी, तो स्ट्रीट फूड विक्रेताओं का प्रशिक्षण और उनकी जागरुकता सबसे अहम बात होगी। उक्त उद्गार मा0 केन्द्रीय राज्यमंत्री भारत सरकार ने स्ट्रीट फूट विक्रेताओ के लिए आयोजित प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित जनपद के कोने-कोने से आए स्ट्रीट फूड विक्रेताओ व जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए यह दिन गौरव, हर्ष और सौभाग्य का है कि देश के सबसे महत्वाकांक्षी तथा महत्वपूर्ण कार्यों में से एक यह प्रशिक्षण तथा जागरुकता कार्यक्रम उत्तर प्रदेश की पावन धरती पर, माँ विंध्याचल के पवित्र आंगन में और मिर्जापुर की ऐतिहासिक भूमि पर आयोजित हो रहा है। मा0 केन्द्रीय मंत्री कहा कि मेरे लिए तो यह दोगुनी खुशी की बात है कि मैं दिल्ली के विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम के आरंभ की भी साक्षी बनी थी और आज जब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इसे यहाँ आयोजित किया है तो भी मुझे इसका हिस्सा बनने का मौका मिला। स्ट्रीट फूड सिर्फ भोजन नहीं है, यह एक सांस्कृतिक आधारशिला है जो हमें एकजुट करती है और भारतीय व्यंजनों की विविधता को दर्शाती है। स्थानीय स्वादों से लेकर वैश्विक व्यंजनों तक, हमारे फूड स्ट्रीट्स में सस्ते और स्वादिष्ट विकल्प उपलब्ध होते हैं जो स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों को आकर्षित करते हैं।
उन्होने कहा कि अब आप हमारे राज्य की ही बात ले लीजिए। जितना यहाँ का इतिहास समृद्ध है, उतनी ही यहाँ की पाक कला भी। यह स्वादों और व्यंजनों का ऐसा ताना-बाना प्रस्तुत करता है जिसे पीढ़ियों से निखारा गया है। काशी का प्राचीन शहर न केवल अपने घाटों और मंदिरों के लिए बल्कि अपनी कचैरी-सब्जी और कुल्हड़-वाली चाय के लिए भी प्रसिद्ध है। कानपुर के लड्डू, मथुरा के पेड़े, आगरा के पेठे, प्रयागराज के समोसे -आप शहर के नाम सोचते जाएंगे और वहाँ के स्वाद से मुँह में पानी आता जाएगा। हमारे यहाँ स्ट्रीट फूड इतना लजीज होता है कि राजधानी लखनऊ में एक फूड स्ट्रीट का नाम ही चटोरी गली है। ये सभी व्यंजन हमारे क्षेत्र की विशिष्ट पहचान को दर्शाते हैं, जिसमें शाही अंदाज और पारंपरिक स्वाद का अद्वितीय मिश्रण है। मा0 केेन्द्रीय मंत्री ने स्ट्रीट फूड विक्रेताओं का आर्थिक योगदान महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की सेवा करता है और पर्यटन और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह भारी तादाद में आजीविका पैदा करता है और शहरी और कस्बाई आबादी के लिए विविध और सस्ते भोजन विकल्प प्रदान करता है। कभी आर्थिक विकास के लिए अस्थायी समाधान माना जाने वाला स्ट्रीट फूड क्षेत्र अब हमारे शहरी अर्थव्यवस्था का एक स्थायी और बढ़ता हुआ घटक बन गया है। हालांकि, स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को स्वच्छता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है। कईयों के पास उचित प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे की कमी है, और खाद्य सुरक्षा नियमों की बेहतर समझ और कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता है। हमारे भोजन-संस्कृति का तेजी से आधुनिकीकरण नई जटिलताओं को पैदा करता है। वैश्विक व्यंजन, उन्नत मशीनरी, और नए अवयवों ने हमारी सड़कों पर अपनी जगह बनाई है, जो क्षेत्रीय व्यंजनों को वैश्विक स्ट्रीट फूड के रूप में बदलने का उदाहरण है। कई बार स्ट्रीट फूड विक्रेता अनजाने में ऐसे सामान का प्रयोग कर लेते हैं जो खाद्य सुरक्षा के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं। ऐसे में स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को उनके उत्पादों में रसायनों, प्रतिबंधित एडिटिव्स तथा दूसरे कम गुणवत्ता वाले सामानों के उपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जानकारी देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन चुनौतियों का सीधे समाधान करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा स्ट्रीट फूड न केवल स्वादिष्ट रहे बल्कि उच्चतम सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पालन भी करे। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन (FoSTaC) कार्यक्रम जैसे पहलों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कार्यक्रम विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता प्रथाओं के बारे में आवश्यक ज्ञान प्रदान करता है, जो न केवल उनके व्यवसायों के लिए बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
देश के लिए एक मजबूत फूड सेफ्टी इको-सिस्टम मजबूत नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के द्वारा ही संभव है, जिसमें खाद्य सुरक्षा तंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग और इसके नामित अधिकारी और खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैं। अधिक गहन निरीक्षण और बेहतर अनुपालन से सभी के लिए सुरक्षित भोजन प्राप्त होगा। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कुल 8.30 लाख खाद्य व्यवसायों की निगरानी के लिए केवल 590 खाद्य सुरक्षा अधिकारी हैं, जो बाजार में उपलब्ध खाद्य उत्पादों की समीक्षा करते हैं और विभिन्न प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को भी लागू करते हैं। हमें राज्यों में जनशक्ति अंतराल की समीक्षा करनी चाहिए और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में आवश्यक संसाधन और जनशक्ति सुधार के द्वारा उनके प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम के साथ, हम न केवल नए मानक स्थापित कर रहे हैंय बल्कि हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं जहां स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए सशक्त किया जाता है। हम अपनी समृद्ध पाक विरासत का और बेहतर निर्माण कर रहे हैं तथा सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर स्ट्रीट फूड सुरक्षित, स्वच्छ और उच्चतम गुणवत्ता का हो।
मा0 केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम सभी अपने दृष्टिकोण में एकजुट हों कि हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण करें जहां स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को जागरूक और सशक्त किया जाए, हमारी समृद्ध खाद्य संस्कृति फले-फूले, और स्ट्रीट फूड विक्रेताओं द्वारा हर परोसा गया भोजन सुरक्षित, स्वच्छ और सभी को आनंदित करने वाला हो। उन्होंने कहा कि मौसम के अचानक खराब होने के कारण काफी संख्या में स्ट्रीट फूड वेंडर नही पहुंच पाए है इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को पुनः आयोजित कराते हुए लोगो को प्रशिक्षत करते हुए जागरूक किया जाएगा।
मा0 केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने इस अवसर पर मोबाइल खाद्य प्रयोगशाला का निरीक्षण भी किया गया। तथा मोबाइल वाहन को हरी झण्डी दिखाकर जनपद के विभिन्न क्षेत्रो में जन जागरूकता हेतु रवाना किया गया।
इसके पूर्व प्रभारी जिलाधिकारी ने मा0 केन्द्रीय मंत्री एवं सभी जनप्रतिनिधिगणो को स्मृति चिन्ह व पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत व अभिनन्दन किया गया। प्रभारी जिलाधिकारी ने अन्त में सभी मा0 मुख्य अतिथि व जन प्रतिनिधिगण का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर स्ट्रीट फूड वेंडरो को अपने दुकानो पर स्वच्छता, सफाई के लिए टोपी सहित अन्य किट का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर एच0एल0एल0 के डायरेक्टर राजेश नायर के अलावा राष्ट्रीय महा सचिव रमाशंकर पटेल, राष्ट्रीय सचिव रमाकान्त पटेल, भारतीय जनता पार्टी केे राजकुमारी खत्री, जिला महामंत्री भाजपा हरिशंकर सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह, लाल बहादुर पटेल, डा0 एच0बी0 पटेल, राजेन्द्र पटेल, मण्डल अध्यक्ष भाजपा डाली अग्रहरि, मुन्नर पटेल, नितिन विश्वकर्मा, संजीव कुमार, विनेश तिवारी के अलावा अन्य पदाधिकारी अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंजुला सिंह सहित खाद्य विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।