
सोनभद कोर्ट के पर दोषी विकास प्रजापति को उम्रकैद सज़ा सुनाई
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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दो लाख रुपया अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद चमकनी होगी
अर्थदंड की दशा में से एक लाख 40 हजार रुपया पीड़ित को मिलेगी
दो वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म का मामलासोनभद्र। दो साल पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध दोषी विकास प्रजापति को उम्रकैद एवं दो लाख रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई। । अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद लुप्त होगी। वहीं अर्थदंड की शर्तों में से एक लाख 40 हजार रूपये की राशि खरगोश को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार कर्मा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पिता ने कर्मा थाने में दी बुजुर्ग स्थिति में प्रकट किया था कि उसकी 15 वर्षीय नाबालिग बेटी जो कक्षा 8 में पढ़ती थी, को 3 मई 2022 की रात 11 बजे बारात देखकर लौट रही थी। तभी रास्ते में विकास प्रजापति पुत्र स्वर्गीय दुखन्तु तथा रिंकू प्रजापति निवासी केकराही, थाना कर्मा, जिला सोनभद्र अपनी नाबालिग बेटी को खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जब बारात देखकर कुछ महिलाओं को आते देखा तो दोनों को छोड़ कर भाग गए। बेटी घर आने वाली अपनी माँ से घटना की सारी बात बताई। गरीब होने एवं लोक लाज के डर से किसी को नहीं बताया। जब गांव घर मे चर्चा होने लगी तब 112 नंबर पुलिस को फोन से सूचना दी गई। इसके बाद 6 मई 2022 को कर्मा इंस्पेक्टर में दीवानी पुलिस ने सामूहिक बलात्कार, एससी/एसटी एक्ट और पाक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी। विवेचना के दौरान विवेचक ने बयान लेने के बाद पर्याप्त सबूत मिलने पर अदालत में सामूहिक मुकदमा, एससी/एसटी एक्ट और पाक्सो एक्ट में आरोप-पत्र दाखिल किया था। हालाँकि रिंकू प्रजापति की उम्र 18 साल से कम होने की वजह से उनका पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेजा गया। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध दोषियों विकास प्रजापति को उम्रकैद एवं दो लाख रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद लुप्त होगी। वहीं अर्थदंड की शर्तों में से एक लाख 40 हजार रूपये की राशि खरगोश को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।