• +91 8127948307
  • info@tejasvisangthan.in
  • uttar Pradesh sonebhadra
News
छह दोषियों को 3-3 वर्ष की कैद – प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

छह दोषियों को 3-3 वर्ष की कैद – प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

 

चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय

     8382048247

अभियुक्तगणों की जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी

– साढ़े दस वर्ष पूर्व हुई मारपीट का मामला

 

 

सोनभद्र। साढ़े दस वर्ष पूर्व हुई मारपीट के मामले में शनिवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर छह दोषियों को 3-3 वर्ष की कैद व प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियुक्तगणों की जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव निवासी रामजी सिंह ने घोरावल थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 15 जून 2014 को सुबह 8 बजे चचेरे भाई जुगत नरायन के पुरानी रंजिश को लेकर महेंद्र सिंह पुत्र हनुमान रास्ते में गाली गलौच देने लगे। जब उसने गाली देने से मना किया तो वीरेंद्र सिंह पुत्र हनुमान सभी लोग लाठी डंडे से मारने पीटने लगे।उसके चिल्लाने पर शोरगुल की आवाज सुनकर परिवार के महिपत, विनय, नवलकिशोर, पन्नालाल, संतोष, पंचम,रामजी, राजनारायण बीच बचाव करने आए तो अभियुक्तगण सूरज सिंह, अंगद,सूचित व छोटे द्वारा सभी को मारापीटा गया, जिससे उनलोगों को चोटें आई हैं। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में जुगतनरायन पुत्र धर्मजीत निवासी तेंदुआ, वीरेंद्र सिंह व महेंद्र प्रताप सिंह पुत्रगण हनुमान सिंह, सूचित पुत्र झुल्लूर सिंह, सूरज सिंह पुत्र अंगद सिंह व छोटे पुत्र राजनारायण के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों जुगतनरायन, वीरेंद्र सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह,सूचित, सूरज सिंह व छोटे को 3-3 वर्ष की कैद एवं प्रत्येक पर साढ़े छह हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो-दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Notifications OK .