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कथा में शिव विवाह का वर्णन हुआ

कथा में शिव विवाह का वर्णन हुआ


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

ब्यूरो चीफ : रिजवान सिद्दीकी

झालू। झालू के निकट धर्मपुरा में स्थित झारखंडी शिव मंदिर पर चल रही शिव महापुराण के चतुर्थ दिवस पर देवी चंद्रमुखी ने देवताओं द्वारा महादेव को विवाह के लिए मनाना तथा शिव विवाह की कथा का श्रद्धालुओं को श्रवण कराया। व्यास देवी चंद्रमुखी ने कथा का रसपान करते हुए कहा कि देवताओं ने महादेव को विवाह के लिए मनाया एवं माता पार्वती जी ने तपस्या कर महादेव को प्रसन्न किया। माता पार्वती जी ने सप्त ऋषियों एवं स्वयं भोलेनाथ द्वारा परीक्षा ली। भोलेनाथ शादी के लिए मान गए, राजा हिमालय द्वारा शादी का प्रस्ताव भेजा गया। जिस पर भगवान भोलेनाथ ने शादी का तैयारी आरंभ कर दी। भोलेनाथ की बारात में सभी देवतागण, भूत, प्रेत, चुड़ैल, पिशाच आदि बारात में शामिल हुए। शिव की बारात को देखकर पार्वती की जी माँ मैना देवी ने विवाह करने करने से मना कर दिया। जिसके बाद पार्वती जी ने भगवान शिव से कहा कि वे रीति-रिवाजों के मुताबिक तैयार होकर आएं। तदोपरांत शिव जी ने पार्वती जी वर माला पहनाकर विवाह किया। विवाह में कुबेर ने मंडप को सजाया। जिसकी शोभा स्वर्ग से भी सुंदर दिखाई दे रही थी। मंदिर प्रांगण में महादेव की बारात की झांकी निकाली गई, जिसमें शामिल होकर श्रद्धालुओं ने धर्म लाभ उठाया। कथा में डॉ धर्मवीर सिंह, सूरज सिंह, प्रधान सौबीर सिंह, नरेश, लटूर सिंह, सतेन्द्र, इशांत, रघुनाथ सिंह, पीतम सिंह, टीकम सिंह, नागेंद्र सिंह, मलखान सिंह, शीशपाल सिंह, छोटन सिंह, प्रमिला, ज्योति, मौसम, सरिता, सुनीता, सुमन, मिथलेश, सर्वेश, राधा, छवि पाल, साक्षी सैनी, संध्या सैनी, मनीषा सैनी, गुड्डी बाला, संजूला, बाला देवी, विनेश देवी, बृजेश देवी, ज्योति, रचना, भोली, पंडित सर्वण कुमार, पंडित भविष्य अशोक सिंह, राजेंद्र सिंह, मंगू राहुल, मनीष, कवि, कविता, विशांत, लवी, सर्वेश देवी, सुरेंद्र सिंह, मनोज, महिमा सैनी, प्रिया, रूपाली सैनी, पलक पाल, दीपांशु, खुशी, आकांशा, माही, साक्षी पाल, वर्णिका चौधरी, प्राची, मुस्कान, राधिका, मौसम, ज्योति, लवी, पीयूष सैनी, रवि सैनी, शिवम पाल, मोहनलाल सिंह, धर्मपुरा पार्टी, ऋषिपाल कृष्णबहादुर सिंह, प्रिन्सि सैनी, अनिल सैनी आदि श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से कथा में उपस्थित रहकर कथा का श्रवण किया।


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