
सोनभद्र पटवत में रबी गुप्ता ने बड़े पैमाने पर बिना लाइसेंस, अनुमति के चल रहे कबाड़ का कारोबार
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
कबाड़ी और काम करोड़ों का। ऐसा है यह करोड़ों के मुनाफे का कारोबार जो बिना किसी लाईसेंस या अनुमति के लाखों रुपये का टैक्स चुराकर किया जा रहा है। इस कारोबार पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। इन दिनों धड़ल्ले से कबाड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। नगर में जगह-जगह कबाड़ कारोबारियों काकबाड़ी और काम करोड़ों का। ऐसा है यह करोड़ों के मुनाफे का कारोबार जो बिना किसी लाईसेंस या अनुमति के लाखों रुपये का टैक्स चुराकर किया जा रहा है। इस कारोबार पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। इन दिनों धड़ल्ले से कबाड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। नगर में जगह-जगह कबाड़ कारोबारियों का कब्जा है। नगर में एक दर्जन से अधिक कबाड़ के बड़े व्यवसायी हैं, जो साल में करोड़ों का कारोबार करते हैं। शुरू-शुरू में एक दो एजेंट रखकर शहर से कबाड़ इकट्ठा कराके खरीदते हैं,बाद में इनके एजेंट बढ़ जाते हैं। कबाड़ी इनसे कम कीमत में कबाड़ का सामान खरीदकर थोक में मोटी रकम कमाते हैं। सिरोंज से महीने में 10 से 15 ट्रक कबाड़ बाहर रीसाइक्लिंग के लिए भेजा जाता है। इस धंधे में कोई टैक्स, कोई रोक-टोक न होने से कोई भी व्यक्ति कहीं भी कबाड़ की दुकान खोल लेता है। नियमानुसार कोई भी दुकान खोली जाती है तो बाकायदा लाईसेंस लेना होता है, लेकिन बिना लाइसेंस व अनुमति के किए जाने वाले कबाड़ के व्यवसाय की शुरूआत बस एक स्टाक रजिस्टर से होती है। खरीदी-बिक्री किए गए सामान को दर्ज किया जाता है। उनके पास खरीदी-बिक्री की कोई रसीद भी नहीं होती है। इस फायदे को देखकर दिनोदिन कबाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है। देखा जाए तो कबाड़ व्यवसाय के लिए शासन ने कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए हैं। इसके लिए लाइसेंस जरूरी होता है,लेकिन न कोई लेता है न इस पर किसी का ध्यान जाता है। इसी का फायदा उठाकर करोड़ों का यह कारोबार अवैध रूप से खूब फल-फूल रहा है। शुद्व मुनाफा कमाकर बड़े कबाड़ी करोड़ों की संपत्ति के स्वामी बन रहे हैं। इस बारे में अधिकारियों के बीच इस कारोबार के बारे में चर्चा जरूर है, लेकिन ठोस कार्रवाई कब होगी इस बारे में सभी मौन हैं