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उर्वरक बिक्री में ओवर रेटिंग, काला बाजारी पर रहेगी पैनी नजर ः जसवीर सिंह तेवतिया

उर्वरक बिक्री में ओवर रेटिंग, काला बाजारी पर रहेगी पैनी नजर ः जसवीर सिंह तेवतिया


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

 

वस्तु अधिनियम-1955 के प्राविधान के तहत होगी कार्रवाई

रिज़वान सिद्दीकी

बिजनौर। कृषकों को उनकी जोत/कृषि भूमि के आधार पर ही नियमित रूप से फसल की संस्तुतियों के अनुरूप उर्वरकों का वितरण एवं बिक्री के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग रोकने, ओवर रेटिंग, कालाबाजारी की सतत निगरानी सुनिश्चित किये जाने हेतु शासन ने निर्देश जारी किए हैं।

जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में खरीफ फसलों की बुवाई/रोपाई का कार्य मुख्यतः माह जून से कृषकों द्वारा प्रारम्भ कर दिया गया है। बुवाई के समय फसल बेसल-ड्रेसिंग में मुख्यतया फास्फेटिक उर्वरकों यथा डी.ए.पी., एन.पी.के., एस.एस.पी. एवं एम.ओ.पी. उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान में गन्ने की फसल की टाप-डेंकिग का कार्य भी किया जा रहा है, जिस हेतु यूरिया उर्वरकों की मांग अधिक है। जनपद के प्रत्येक कृषकों को जोत एवं उगायी जाने वाली फसल की निर्धारित संस्तुतियों के आधार पर ही उर्वरक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश हैं।
यूरिया, डी.ए.पी.,एन.पी.के. काम्प्लेक्स एवं एम.ओ.पी. की निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य दर के अन्तर्गत बिक्री सुनिश्चित कराई जाए। यदि कोई उर्वरक विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर उर्वरक बिक्री करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश-1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के प्राविधान के अनुसार प्रभावी विधिसंगत कार्यवाही सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जायंगी।
जिला कृषि अधिकारी ने उक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए उर्वरकों का वितरण कराने तथा उर्वरक वितरण का कृषकवार अभिलेखीकरण अवश्य कराने निर्देशित किया।

 

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बीज खरीदते समय अवश्य प्राप्त करें बीज रसीद/वाउचर्स

बिजनौर। वर्तमान में खरीफ में विभिन्न फसलों का समय चल रहा है, ऐसी दशा में बीज विक्रेताओं/डीलरों के द्वारा बीज की होल्डिग करते हुए अधिक मूल्य में बीज विक्रय, डुप्लीकेट बीज एवं कालाबाजारी किए जाने का प्रयास किया जा सकता है। ऐसी किसी भी संभावना को देखते हुए जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कृषक भाईयों से अपील की है कि बीज खरीदते समय बीज रसीद/वाउचर्स अवश्य प्राप्त करें, यदि किसी फर्म/ कम्पनी/ डीलर/ बीज विक्रेता द्वारा किसी भी प्रकार की अनियमितता/ कालाबाजारी की जाती है तो उसकी सूचना उनको उपलब्ध कराएं ताकि सम्बन्धित के विरुद्ध बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 एवं बीज नियन्त्रण आदेश 1983 में निहित प्राविधानों के अर्न्तगत कठोर विधिक कार्यवाही की जाए।


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