
मां तेरे बिना जिंदगी अधूरी’
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
*चलती फिरती आंखों से अजां देखी है मैंने जन्नत तो नहीं देखी, लेकिन मां देखी है..*
माँ तुम बहुत याद आती हो..
‘मां’ ये शब्द सुनते ही इंसान इमोशनल हो जाता है मां के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है एक बच्चा हो या जवान या बूढ़ा हर सुख और दुख में सबसे पहले अपनी मां को ही याद करता है उसका और मां का रिश्ता दुनिया में सबसे मजबूत रिश्ता होता है लेकिन बदनसीबी से कुछ लोगों को मां का साथ नसीब नहीं होता है और वह वक्त से पहले ऊपर वाले के यहां चली जाती हैं और फिर उन्हें मां के बिना ही अपनी जिंदगी काटनी पड़ती है।मां के बिना जिंदगी अधूरी होती जाती हैं यह जब महसूस होता हैं तब मां छोड़ जाती हैं और मां की कमी बहुत चुभती भी है। मां को खोने का दर्द क्या होता है यह उसके जाने के बाद महसूस होता हैं।जब बच्चा बोलना सीखता है तो उसके मुंह से पहला शब्द ‘मां’ निकलता है और बड़े होने के बाद जब भी किसी मुसीबत परेशानी में होता हैं तब भी मुंह से पहला शब्द मां ही निकलता है।मां का प्यार और उसकी ममता का मोल इस दुनिया में सबसे अनमोल है इस जहां में प्यार के जितने भी रूप होंगे उनमें मां का प्रेम सबसे पहले स्थान पर ही होगा।खुदा भगवान ने दुनिया में सबसे बड़ा रुतबा इसीलिए मां को ही दिया है कहते हैं बच्चे अपनी मां का एक रात का भी हक अदा नहीं कर सकते बच्चे को नौ महीने कौख में रखने से लेकर उसे पाल पोसकर बड़ा करने तक मां कई परेशानियों से गगुजरती है लेकिन उसके होंठों पर उफ तक नहीं आती हैं परेशानी बच्चे को होती है तो मां तड़प उठती है जब बच्चा कहीं बाहर जाता है तो उसकी सलामती की दुआएं मांगती है इसलिए कहते हैं मां की ममता अनमोल होती है।