
कछुआ सैंक्चुअरी में अवैध खनन और जलीय जीवों के शिकार के खिलाफ मंडलायुक्त को सौंपा ज्ञापन
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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गैपुरा (मीरजापुर) | गंगा वारियर्स के सुवाष चंद्र ओझा ने मंगलवार को विंध्याचल मंडल के मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपकर गंगा नदी के कछुआ सैंक्चुअरी में जलीय जीवों के शिकार और अवैध बालू खनन पर गहरा रोष जताया। मंडलायुक्त ने इन गतिविधियों की जांच के लिए मुख्य वन संरक्षक को निर्देश देने का आश्वासन दिया।
गंगा वारियर्स ने बताया कि हरगढ़ से गोगांव तक तीन किलोमीटर के दायरे में पश्चिम वाहिनी गंगा नदी में जाल लगाकर मछली, कछुआ, और डाल्फिन का शिकार किया जा रहा है, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का खुला उल्लंघन है। साथ ही, गोगांव में बालू का अवैध खनन और परिवहन भी धड़ल्ले से जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस के संरक्षण में खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
सुवाष चंद्र ओझा ने कहा कि जिला वनाधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं और डीएफओ प्रयागराज को नोडल अधिकारी होने का हवाला दे रहे हैं। मेजा (प्रयागराज) के वन क्षेत्राधिकारी अजय सिंह ने जल्द ही औचक निरीक्षण और कार्रवाई का भरोसा दिया है। गंगा वारियर्स ने बताया कि पिछले वर्ष जून 2024 के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के अधिकारियों ने गोगांव में बालू खनन से बने गहरे गड्ढों का निरीक्षण कर मीरजापुर, भदोही, और प्रयागराज के वन अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। वाच टावर और निगरानी चौकियां स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इनका पालन नहीं हुआ, जिसके चलते सैंक्चुअरी में अवैध गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं।
गंगा वारियर्स ने चेतावनी दी कि यदि जलीय जीवों की तस्करी, शिकार, और अवैध खनन पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो वे सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे।