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जलालपुर भूड़ में पकड़ा गया आदमखोर गुलदार

जलालपुर भूड़ में पकड़ा गया आदमखोर गुलदार


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

-जनपद बिजनौर में 28 से ज्यादा ले चुका है जाने

–जिले मे दहशत का माहोल

ब्यूरो चीफ : रिजवान सिद्दीकी
बिजनौर‌। जिला बिजनौर के कस्बा हल्दौर मे आदमखोर गुलदार पकड़ा गया है। यहां कई हफ्ते से लोग गुलदार की वजह से दहशत में जी रहे थे। अब गुलदार के पकड़े जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। अब तक गुलदारों के हमले से 28 लोगों से ज्यादा जान जा चुकी है।
बिजनौर जिले में आदमखोर गुलदार की वजह से दहशत में जी रहे लोगों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ लिया है। गुलदारों के हमले से अब तक बिजनौर जिले में 28 लोग से ज्यादा अपनी जान गंवा चुके हैं। दिन-प्रतिदिन ग्रामीणों में गुलदार को लेकर दहशत बढ़ती जा रही थी।
हल्दौर थाना क्षेत्र के गांव जलालपुर भूड़ में वन विभाग की टीम ने रात गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था।
एक गुलदार सुरक्षित रूप से पिंजरे में आकर कैद हो गया, जिसे रेस्क्यू कर रेंज कार्यालय ले जाया गया है।
गुलदार का रेस्क्यू ऑपरेशन एसडीओ बिजनौर ज्ञान सिंह के नेतृत्व में तथा अरुण कुमार सिंह डीएफओ के मार्ग दर्शन में एक हफ्ते से चलाया जा रहा था। रेंजर बिजनौर महेश गौतम के साथ मुरादाबाद, अमरोहा एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ रात दिन लगे हुए थे। एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन वन्य जीव विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार आगे भी लगातार जारी रहेगा। उन्होंने अपील की कि क्षेत्र में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटित घटनाओं के दृष्टिगत वन विभाग द्वारा आम जनों से अपील की जा रही है कि गन्ने के खेतों में चारा लेने अकेले न जाये। चारा लेने महिलाओं और बच्चों को अकेले न भेजें। ज्यादातर घटनाएं गन्ने के खेतों में चारा आदि लेने के दौरान बैठे होने पर घटित हुई हैं। क्षेत्र में अभी अन्य गुलदार होने की भी आशंका जताई जा रही है, इसलिए वन विभाग आम जन मानस से सावधानी बरतने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि हल्दौर से चांदपुर क्षेत्र के सिसौना, प्लाना, कुलचाना, अम्हेड़ा आदि एक दर्जन गांवों में गुलदार काफी सक्रिय हैं। पिछले डेढ़ साल में गुलदार इस क्षेत्र में एक दर्जन लोगों को मार चुके हैं। जनपद में गुलदारों का आतंक इस कदर फैला है कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले आठ दिनों से दिन रात किसानों ने डीएफओ कार्यालय पर गुलदारों के आतंक से निजात दिलाने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा था, फलस्वरूप डीएफओ कार्यालय बन्द पड़ा है। जिला प्रशासन किसानों से दो बार वार्ता कर चुका है पर सफलता नहीं मिली। किसान गुलदारों को समाप्त करने अथवा पकड़कर वनों में छोड़े जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। वन विभाग ने क्षेत्र के कई गांवों में दर्जन भर पिंजरे, बड़ी संख्या में ट्रेप कैमरे के साथ ड्रोन से भी तलाशी अभियान चलाया हुआ है। एक हफ्ते से विभाग की टीम खेतों की दिन रात खाक छान रही है। इस बीच तीन इंसानों को शिकार बनाने पर क्षेत्र में रोष देखते हुए शासन द्वारा गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया गया था। तीन घटना होने पर ग्रामीणों ने रोड जाम करने के साथ ही रेलवे ट्रैक जाम कर घंटों ट्रेन को भी रोक दिया था।


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