
खारी झालू रेलवे स्टेशन विकास की दौड़ मे पिछड़ा
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
स्टेशन बहाल कराने को रेल के खेल में सब फेल
रिज़वान सिद्दीकी
बिजनौर /झालू । नगर का खारी झालू रेलवे स्टेशन लगभग तीस वर्षों पूर्व हाल्ट कर दिया गया,तब से लेकर अब तक कई सरकारें आईं और चली गई। कस्बे की जनता जनार्दन के साथ- साथ जनप्रतिनिधियों ने स्टेशन बहाल कराने का भरसक प्रयास किया लेकिन रेल के खेल में सब फेल हो गए।अब नगर पंचायत झालू के युवा जुझारू चैयरमैन लोकेन्दर सिंह सिंह स्टेशन बहाल कराने के प्रयास में लगे हुए हैं। उन्होंने बिजनौर लोकसभा सांसद चंदन चौहान के समक्ष इस जटिल समस्या को प्रमुखता के साथ रखकर निदान कराने की मांग रखी है। अब देखना यह है कि इस रेलवे स्टेशन के भाग कब खुलते हैं ।
बाबा झल्लर शाह द्वारा बसाए गये कस्बा झालू का यह खारी झालू रेलवे स्टेशन ब्रिटिश काल में बनाया गया था। सन 1889 में गजरौला से नजीबाबाद तक रेलवे लाइन बिछाई गयी थी। उसके बाद कोयले के इंजन वाली छुकछुक ट्रेन को चलाया गया था।
समय आगे बढ़ता रहा और खारी-झालू स्टेशन विकास की दौड़ मे पीछे होता गया। जिसके चलते खारी-झालू स्टेशन हाल्ट हो गया। स्टेशन हाल्ट होने के बाद आज तक यह अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। इस बीच नगर की जनता एंव समाजसेवियों ने खूब धरना प्रदर्शन किए। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात निकला।लगभग सन 1903 में इंजन सहित ट्रेन के पांच डिब्बे कुलचियाना झील मे गिरकर समा गये थे। काफी प्रयास के बाद भी उनका पता नही चल पाया था। उसके बाद बिजनौर से चांदपुर तक ट्रेन का आवागमन बंद कर दिया गया। लगभग 33 वर्षों बाद पुनः सन 1936 मे ट्रेन को नजीबाबाद से गजरौला तक चलाया गया।
जब रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी तो ग्राम खारी के पास बृज चन्द महर्षि जी के खेतों से लाइन होकर गुजरी। उस दौरान रेलवे में उनकी 20 बीघा जमीन गया थी । जिसका उन्होंने कोई मुआवजा नहीं लिया था ।
आजादी के बाद सर्व प्रथम रेल मंत्री बने नगीना निवासी काजी हाफिज इब्राहीम ने झालू रेलवे स्टेशन का विस्तार कराया और कुछ समय बाद यहां माल गोदाम स्थापित हुआ।
सन 1982 में माल गोदाम बंद होने से व्यापारियों का सामान बिजनौर उतरना शुरु हो गया।
सन 1990 मे दो स्टेशन मास्टर मीर साहब निवासी नगीना व शेट्टी निवासी गजरौला ने टिकटों की बिक्री में हेराफेरी कर टिकटों की कम बिक्री दिखाई, जिससे सन 1995 मे खारी-झालू रेलवे स्टेशन हाल्ट हो गया। और लगभग तीस वर्षों से पूर्ण स्टेशन की बाट जोह रहा है।
झालू में लगभग 10 बीघा जमीन खाली पड़ी है। जिसमे पूर्व में रेलवे के कर्मचारियों के लिए यार्ड बने हुए थे। जो आज खंडहर हालात में है।
रेलवे विभाग की लगभग 100 बीघा जमीन झालू रेलवे स्टेशन के आसपास मौजूद है। जो कि पूरे मुरादाबाद डिवीजन में सब से ज्यादा भूमि है।
नगर के समाजसेवी व गणमान्य व्यक्तियों ने राहुल गांधी, रामविलास पासवान, लालू यादव, रामदास अठावले से मिलकर हाल्ट को स्टेशन बहाल कराने का प्रयास भी किया। लेकिन सब रेल के खेल मे फेल हो गये। अब चैयरमैन लोकेन्दर सिंह सिंह स्टेशन बहाल कराने के प्रयास में लगे हुए हैं। उन्होंने बिजनौर लोकसभा सांसद के समक्ष इस जटिल समस्या को प्रमुखता के साथ रखकर निदान कराने की मांग रखी है।
डबल इंजन की भाजपा सरकार के रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से भी कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र के लोग खारी-झालू स्टेशन का उद्दार होने की आस लगाए बैठे है। अब देखना यह है कि इस रेलवे स्टेशन के भाग कब खुलते हैं ।
फोटो चैयरमैन लोकेन्दर सिंह
बॉक्स
चैयरमैन ने भरी हुंकार समस्या लेकर पहुंचे सांसद के दरबार
झालू । नगर पंचायत झालू के युवा जुझारू चैयरमैन लोकेन्दर सिंह स्टेशन बहाल कराने के प्रयास में लगे हुए हैं। उन्होंने बिजनौर लोकसभा सांसद चंदन चौहान के समक्ष इस जटिल समस्या को प्रमुखता के साथ रखकर निदान कराने की मांग रखी है। अब देखना यह है कि इस रेलवे स्टेशन के भाग कब खुलते हैं ।