
जाम… रोज गुजरती हैं 45 ट्रेनें, हर बार पांच मिनट के लिए बंद होती है क्रॉसिंग
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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सोनभद्र। रॉबर्ट्सगंज-खलियारी मार्ग पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग के पास ओवरब्रिज का निर्माण सर्वे के बाद से ठप पड़ गया है। इस रूट से रोजाना राजधानी, स्वर्ण जयंती, त्रिवेणी सहित 45 ट्रेनें गुजरती हैं। हर बार ट्रेन गुजारने के लिए क्रॉसिंग को 5-7 मिनट बंद करना पड़ता है। इसके चलते लंबा जाम लगता है। कई बार जाम 500 मीटर से 5-7 किमी लंबा होता है। कोई वैकल्पिक मार्ग न होने से जाम में स्कूल वाहन, एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी वाहन भी फंसते हैं। लंबे समय से उठ रही ओवरब्रिज की मांग को मंजूरी तो मिल गई, लेकिन इसका निर्माण कब तक शुरू होगा कुछ पता नहीं।मिर्जापुर के कलवारी से घोरावल, रॉबर्ट्सगंज, रामगढ़ होते हुए बिहार बाॅर्डर पर खलियारी तब जाने वाली सड़क को करीब चार वर्ष पहले स्टेट हाईवे घोषित किया गया था। इस मार्ग पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। चतरा, नगवां ब्लॉक के सैकड़ों गांव जाने और उधर से तहसील व जिला मुख्यालय आने के लिए यही मुख्य मार्ग पर है। आवागमन के लिए लोगों को रॉबर्ट्सगंज नगर में स्थित रेलवे क्रॉसिंग पार करना पड़ता है। अक्सर क्रॉसिंग बंद होने के चलते उन्हें लंबे जाम से जूझना पड़ता है। सामान्य दिनों में रोजाना हर बार क्रॉसिंग बंद होने पर आधे घंटे तक जाम लगता है। त्योहार और लगन सीजन में अक्सर यह जाम इतना लंबा हो जाता है कि इसमें वाहन कई घंटों फंसे रहते हैं। ऐसे समय में एंबुलेंस, अग्निशमन सेवा के वाहनों को भी निकलने की जगह नहीं मिल पाती। पिछले वर्ष पन्नूगंज के पास लगी आग को बुझाने के लिए अग्निशमन की टीम उरमौरा स्थित केंद्र से निकली, लेकिन क्रॉसिंग पर जाम के कारण आधे घंटे तक फंसी रही। लगन के सीजन में अक्सर बराती देर से पहुंचते हैं या लौट जाते हैं। रेलवे क्रॉसिंग पर जाम की समस्या के समाधान के लिए सपा सांसद छोटेलाल खरवार ने पिछले साल सदन में आवाज उठाई थी। इससे पहले भी विधायक भूपेश चौबे सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने रेलवे को पत्र भेजकर ओवरब्रिज की मांग रखी थी। रेलवे ने क्रॉसिंग पर आरओबी की मंजूरी दे दी है, लेकिन सर्वे के बाद से कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।समय से स्कूल और दफ्तर पहुंचना चुनौती
रॉबर्ट्सगंज नगर के तीन वार्ड रेलवे क्रॉसिंग की दूसरी तरफ स्थित हैं। इसके अलावा चतरा, नगवां ब्लॉक के गांवों में आने-जाने के लिए भी क्रॉसिंग पार करनी पड़ती है। सरकारी कर्मचारियाें और छात्र-छात्राओं को रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के कारण अक्सर दिक्कत आती है। वह घर से दस मिनट पहले निकलते हैं, लेकिन क्रॉसिंग पर आकर इससे ज्यादा जाम में फंस जाते हैं।
वर्जन…
रेल व सड़क मार्ग पर ट्रैफिक के दबाव के मद्देनजर रॉबर्ट्सगंज में पन्नूगंज मार्ग के रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज की मंजूरी मिल चुकी है। सर्वे भी हो चुका है। अन्य कागजी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। शीघ्र ही कार्य शुरू होगा। -राममणि सारस्वत, स्टेशन अधीक्षक, सोनभद्र।
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रनटोला में भी क्रॉसिंग पर लगता है जाम
मुर्धवा से बीजपुर मुख्य मार्ग पर रनटोला के पास भी क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज नहीं है। इसके चलते अक्सर राहगीर जाम में फंसते हैं। छत्तीसगढ़, ओडिशा, बंगाल आने-जाने के लिए यह मुख्य मार्ग है। क्रॉसिंग बंद होने के कारण लगने वाले जाम से बचने के लिए लोग दुद्धी से घूमकर आवागमन के लिए विवश होते हैं।
जोखिम में जान रखकर पार करते हैं रेल लाइन
चुर्क। चुर्क नगर से सटे ग्राम पंचायत अरौली, बहुआरा, सीधी, परस्वना, लाखनवार, सिद्धि आदि गांवों के लोगों को रोजाना जान हथेली पर रखकर रेलवे लाइन पार करना है। ये गांव रेलवे लाइन के दूसरी ओर बसे हुए हैं। आसपास अंडरपास या आरओबी न होने से लाइन पारकर आवागमन करना पड़ता है। सिनोहर पटेल, रामशकल पटेल प्रधान, संतोष, रामअवध, भीम सिंह, संजय कुमार, विजय बहादुर, रामलखन, रामकेवल, तेज बहादुर आदि का कहना है कि ओवरब्रिज की मांग काफी समय से की जा रही है। ज्ञापन भी सौंपा गया, मगर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी।
यहां भी खतरे के बीच आवागमन
जोगिडीह रेलवे स्टेशन के पास भी ओवरब्रिज की मांग लंबे समय से उठ रही है। इसके अभाव में लोग रेलवे लाइन पारकर ही आवागमन करते हैं। लंबे आंदोलन के बाद फफराकुंड में कड़िया स्थान पर अंडरपास को स्वीकृति मिल चुकी है। इसका काम भी शुरू है। फिलहाल लोग रेलवे लाइन पार कर ही आवाजाही करते हैं।