
झारखंडी शिव मंदिर में श्री शिव महापुराण सप्ताह ज्ञान कथा का शुभांरभ
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
-शिव कथा सुनने से बुद्धि शुद्धी पश्चाताप ही सबसे बड़ा प्रायश्चित : देवी चंद्रमुखी
-शुद्ध हृदय में भगवान शिव – पार्वती का वास
ब्यूरो चीफ : रिजवान सिद्दीकी
झालू। कस्बा झालू के निकटवर्ती ग्राम धर्मपुरा में स्थित झारखंडी शिव मंदिर प्रांगण में शनिवार को श्री शिव महापुराण सप्ताह ज्ञान कथा का शुभांरभ किया गया। जिसमें श्रद्धालुओ ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कथा प्रारंभ होने से पूर्व महिलाओ ने मन्दिर प्रांगण से होते हुए कलश यात्रा निकाली। कथा का रश्मि व अनूप सिन्हा ने अपने परिवार के साथ फीता काटकर शुभारंभ किया। कथा वाचक देवी चंद्रमुखी ने कथा का रसपान करते हुए कहा कि जो भी इस पावन परम श्री शिव महापुराण कथा को श्रवण करता व पढ़ता है। वह भगवान शिव के धाम को जाता है। प्रथम दिवस देवराज को शिवलोक की प्राप्ति वह चंचल का संसार से वैराग्य सुंदर प्रसंग सुनाया। देवराज प्रसंग में बताया कि भगवान शिव को ध्यान में रखकर कथा सुनने से वह शिव धाम में जाता है।
चंचला को बैराग्य कथा में बताया जो मनुष्य जैसे विचार करते हैं। यमलोक में जाकर यमराज के दूत उन्हें उसी तरह से पीड़ा देते है। इसीलिए शिव कथा सुनने से बुद्धि शुद्ध होगी और पश्चाताप ही पाप करने वाले पापियों के लिए सबसे बड़ा प्रायश्चित है। शुद्ध हृदय में ही भगवान शिव वह पार्वती जी का वास होता है। कथा में डॉ धर्मवीर सिंह, सूरज सिंह, लटूर सिंह, नरेश, संध्या सैनी, साक्षी सैनी, प्रमिला, ज्योति, रचना, छवि पाल, बृजेश आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।