
झालू में इजलास ए आम व दस्तार बंदी में उमड़ा जनसैलाब
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
कुरान एक बेहतरीन जिंदगी गुजारने की किताब ः मुफ्ती अकीलुर्रहमान
सुन्नतों को जिंदा करने पर दिया जोर
रिज़वान सिद्दीकी
झालू। नगर की मस्ज़िद कासमी के मकतब कास्मिया उल उलूम से फारिगीन हुफ्फाज इकराम की दुआ कराई गई और बाद नमाजे मगरिब दस्तार फजीलत को अंजाम दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार
मोहल्ला कानूनगोयान कासमी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मोहम्मद हिफ्जान और मस्जिद के मुसल्लियान की जेरे निगरानी में मोहल्ला कानूनगोयन के खैची मैदान में पांच हुफ्फाजे इकराम की दस्तार बंदी की फजीलत को अंजाम दिया गया।
आपको बता दें कि जलसे का आगाज तीन नाशिशतो में हुआ।जिसमें पहले नाशिशत में पांच हुफ्फाजे इकराम मौ कैफ,मौ शाहवेज , अब्दुल मन्नान, एहतेशा, मौ अमन,की सुबह 11:00 बजे से हज़रत शेख अब्दुल्ल गफूर समभली न दुआ कराई और एक दिनी मजलिस को खिताब फरमाया, जिसमें उन्होंने कुरान की अहमियत पर और उसके इनाम पर रोशनी डाली। उसके बाद पिंडाल में पर्दे के एहतमाम के साथ मोहल्ले की मुस्तरात के लिए एक दिनी इस्लाही मजलिस मुनाकिद की गई ,जिसमें मोहल्ले की अक्सर मुस्तरात ने दीन की बातों को सुनकर उन पर अमल करने का इरादा किया। इसी के साथ-साथ बाद नमाजे मगरिब मौलाना मोहम्मद मुनीर आलम देवबंदी की सदारत और मौलाना मोहम्मद असजद रहमानी के संचालन व मौलाना मोहम्मद जाहिद की सर परस्ती और मुफ्ती मोहम्मद हिफजान की जेरे निगरानी मे दीनी प्रोग्राम का आगाज हुआ ।
देवबंद से तशरीफ़ लाए कारी मोहम्मद फहीम ने कुराने पाक की तिलावत कर प्रोग्राम का आगाज किया। उसके बाद नाते नबी करी जुल्फिकार रामपुरी ने वो तैयबा की गलियां वो ज़म ज़म का पानी नात पेश की ओर सभी की आखें नम हो गई। मुफ्ती मो अकीलुर्रमान स्योहारवी ने कुरान की फजीलत पर रोशनी डाली बताया कि कुरान एक बेहतरीन जिंदगी गुजारने की किताब है अपनी जिंदगी में नबी का तरीका और अल्लाह का हुक्म लाना जरूरी है । आज हमारे पास सब दूसरे कामों के लिए वक्त है लेकिन कुरान पढ़ने के लिए वक्त नहीं है आप अपने बच्चों को कुरान हाफिज बनाएं। हजरत मौलाना मुफ्ती खुबैब ने हालाते हाजरा पर रोशनी डालते हुए नबी की सुन्नतों को जिंदा करने पर जोर दिया यह दिनी मजलिस से तभी फायदा होता हैं जब हम सुनकर उसे पर अमल करते हैं बिदअत की शरीयत मे कोई गुंजाइश नहीं ।हमें अपनी शादियों को नबी की सुन्नत पर लाना चाहिए अगर हम अल्लाह के नबी की सुन्नतों को जिंदा करेंगे तभी हम दुनिया और आखिरत में कामयाब होगे,वरना जिंदगी एक धोखा है इसके बाद हजरत मौलाना मुनीर आलम साहब देवबंदी ने मदरसे में पढ़ने वाले सभी हाफिजो की पगड़ी बांध कर दसतार बंदी की और कहा कि हम सबको अल्लाह और उसकी किताब की रस्सी मजबूत से पकड़नी है अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर अमल करना है अपनी जिंदगी को अपनी मर्जी से नहीं बल्कि अल्लाह और उसके रसूल की मर्जी से गुजारनी है यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो उसके नुकसानात हम सबके सामने हैं। इसके बाद पांचो हुफ्फाजे इकराम और मकतब के पोजिशन वाले तालीबे इल्म को शील्ड देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्टेज पर जलवा अफरोज मुफ्ती मो महफूजुर्रहमान मौलाना, मोहम्मद जाहिद, मौलाना अब्दुल कादिर, मोलाना असलम, मौलाना कालीमुज जमा,कारी तोहीद, हाफिज युनुस,कारी इनाम, मौलाना वासी उल हसन, मुफ्ती हयात, मुफ्ती शादाब, मौलान अज़ीम,मौलाना अहमद, आदि उलेमा इकराम और कस्बे व आसपास क्षेत्र के हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे।