
मुख्यालय से लेकर नगर तक गांव तक जैसे केकरा ही घोरावल अवैध तरीके से धरले संचालित किया जा रहा है और नोडल अधिकारी कीर्ति आजाद बिंदु प्राइवेट कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार रहने वाला घोरावल का है प्रतिदिन नोडल के साथ फील्ड में पहुंचते हैं पूछा जाता है नोडल अधिकारी का पर्सनलअसिस्टेंट बोलते हैं प्राइवेट अस्पतालों में फोटो का छाया काफी उपलब्ध है उत्तर प्रदेश सरकार की छवि भूमि करने में पूरा प्यास है
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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सोनभद्र। जनपद में पंजीकरण के अवैध रूप से चल रहे अस्पताल को प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी इतना सख्त है कि पूछिये मत लेकिन वो खुद उसी रास्ते से रोजाना आते जाते हैं लेकिन कोई कार्यवाही नही होती है। इतना ही नही कई हॉस्पिटलों पर एफआईआर भी किया गया था लेकिन वो भी जस के तस बना हुआ है और अपना दुकान चला रहा है।मेडिकल कालेज के बाहर दर्जनों मेडिकल व पैथोलाजी संचालित हो रहे हैं नियम विपरीत सारा काम हो रहा है सब को सब कुछ पता है लेकिन उसके बाद भी आला अधिकारी कार्यवाही के नाम जीरो है।बिना पंजीकरण चल रहे अस्पताल के बारे में लोगों ने कई बार जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी से शिकायत भी की है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग हरकत में नही आ रहा है। उरमौरा व छपका में बीएमएस कर रहे हैं सर्जरी गरीबो को गुमराह करके जिला अस्पताल से उठाया जाता है मरीज घोरावल,चोपन,करमा, रामगढ़,अनपरा,कोन, दुद्धि उसके बाद मरीजो से अच्छा इलाज का दावा किया जाता है उसके बाद शोषण होना चालू हो जाता है। संचालित अस्पताल में मरीज को भर्ती करने से लेकर आपरेशन तक किए जाने की बात आस-पास के लोगों ने बताया।एक तरफ लगातार स्वास्थ्य विभाग छापे मारी भी कर रहा है उसके बाद भी एक से एक हॉस्पिटल खुल रहे हैं जो बिना पंजीकृत है। आने वाले समय मे निजी हॉस्पिटलों को लेकर एक नासूर बनता जा रहा है।
सोनेभद्र में तो अल्ट्रासाउंड दो तल्ला हॉस्पिटल दो तल्ला ,पर पंजीकृत कर दिया गया दबाव में पैथोलॉजी तो पूछिये मत हर गली गुच्चे में खुल जा रहे हैं ना तो इन लोगो के पास प्रशिक्षण डॉक्टर रेडियोलॉजिस्ट तक नही है दे रहे हैं