
पी एम किसान सम्मान निधि के लिए अनिवार्य हुआ फार्मर रजिस्ट्री:जिलाधिकारी
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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जिलाधिकारी बी एन सिंह ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री के अन्तर्गत प्रदेश के कृषक विवरण को एग्री स्टैक के अन्तर्गत तैयार कर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जायेगा। इस हेतु भारत सरकार द्वारा भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले कृषकों के ऑनलाइन बकेट तैयार कर राजस्व को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा, जिसका प्रयोग कर राज्य स्तर से फार्मर रजिस्ट्री तैयार किया जाना है। फार्मर रजिस्ट्री हेतु किसान स्वयं से अपने एण्ड्राएड मोबाइल के माध्यम से या नजदीकी जन सेवा केन्द्र से या अपने गांव में आयोजित कैम्प के माध्यम से अपना आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर एवं खतौनी की प्रति लेकर आवेदन कर सकते है। आवेदन करने के उपरान्त डाटा को कृषि/पंचायत विभाग/राजस्व कर्मी के सत्यापनोपरान्त गोल्डेन कार्ड कृषक को उपलब्ध कराया जायेगा। फार्मर रजिस्ट्री कार्य को समय से सम्पादित करने हेतु जनपद के राजस्व विभाग से 183 लेखपाल, कृषि विभाग से 58 कर्मचारी की ड्यूटी राजस्व ग्रामवार लगायी गयी है। जिसमें तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी उप जिलाधिकारी तथा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी को नामित किया गया है। पर्यवेक्षीय दायित्व हेतु सम्बन्धित विकास खण्ड के सहायक विकास अधिकारी (कृषि) व सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को दिया गया है। जो अपनी देख-रेख में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य निर्धारित समय सीमा के अन्दर करायेंगे।जिलाधिकारी ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री तैयार कराने हेतु जनपद व तहसील स्तर पर मास्टर ट्रेनर का चयन कर लिया गया है व समस्त तहसील स्तर पर सभी कार्मिकों को प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है। 03 दिसम्बर 2024 से सभी कर्मचारी अपने-अपने नामित राजस्व ग्राम में कैम्प लगाकर किसानों का फार्मर रजिस्ट्री का कार्य उपलब्ध कराये गये ऐप के माध्यम से प्रारम्भ करेंगे।उक्त फार्म न भरने पर उनकी पी एम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त का भुगतान देय नहीं होगा।