
प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे को वाया बिजनौर से हरिद्वार तक जोड़ने की मांग ने पकड़ा जोर
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
उप्र में माँ गंगा का प्रथम द्वार है जनपद बिजनौर
बिजनौर में सबसे अधिक 115 किलोमीटर में है बहाव क्षेत्र
लीना सिंघल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा पत्र
रिज़वान सिद्दीकी
बिजनौर। प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे को वाया बिजनौर से हरिद्वार तक जोड़ने की मांग जोर पकड़ गई है। बिजनौर लोकसभा क्षेत्र की सह प्रभारी एवं नगर पालिका परिषद धामपुर की पूर्व अध्यक्ष लीना सिंघल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस बाबत पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने नजीबाबाद सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने का भी आग्रह किया है।बिजनौर लोकसभा क्षेत्र की सह प्रभारी एवं नगर पालिका परिषद धामपुर की पूर्व अध्यक्ष लीना सिंघल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज से मेरठ तक तथा आगे हरिद्वार तक गंगा एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है। पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा नजीबाबाद जनसभा में इस प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे को मेरठ से वाया बिजनौर होते हुए हरिद्वार तक जोड़ने की घोषणा की गई थी किंतु दिनांक 24 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ में हुई कैबिनेट की बैठक का हवाला देते हुए समाचार पत्रों में एक खबर प्रकाशित हुई, जिसमें यह कहा गया है कि गंगा एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार तक ले जाने के लिए मुजफ्फरनगर से सर्वे कराए जाने के आदेश हो गए हैं। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद मन में यह शंका उत्पन्न हुई है कि गंगा एक्सप्रेस-वे बिजनौर से न बनकर किसी अन्य जगह से जाएगा, जबकि उत्तर प्रदेश में माँ गंगा का प्रथम द्वार बिजनौर जनपद ही है।
माँ गंगा बिजनौर जनपद में सबसे अधिक 115 किलोमीटर क्षेत्र में बहती है। बिजनौर में कोई ऐसा एक्सप्रेस-वे भी नहीं है। आसपास के हर जनपद में कोई न कोई एक्सप्रेस-वे कनेक्ट है। जनपद के सर्वांगीण विकास हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे का बिजनौर से होकर जाना जनहित में अत्यंत आवश्यक है। यदि गंगा एक्सप्रेस-वे बिजनौर से होकर जाता है तो बिजनौर के विकास महात्मा विदुर की भूमि, महाराजा भरत की भूमि का विकास होगा। इसके अतिरिक्त भाजपा नेत्री ने पत्र में कहा कि नजीबाबाद सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता भी बढ़ाने की घोषणा की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि जनपद बिजनौर तथा आसपास के क्षेत्र के विकास हेतु दोनों परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु अग्रिम कार्यवाही करें, जिससे आम जनता को आर्थिक तथा सामाजिक लाभ मिल सके।