
मौलाना नईम अब्बास के निधन पर शोक सभा का आयोजन
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
सैकड़ों छात्रों को ज्ञान के रत्नों से किया था अलंकृत
रिज़वान सिद्दीकी
बिजनौर । हल्दौर क्षेत्र के गांव छजुपुरा सादात स्थित तंज़ीम उल मकातिब लखनऊ की शाखा मकतबे शाहे नजफ़ में विश्वविख्यात शिया धर्म गुरु नौगाँवा सादात निवासी शिक्षण संस्था जामिआतुल मुंतज़र के संस्थापक मौलाना नईम अब्बास के निधन पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें मौलाना के इसाले सवाब के लिये क़ुरआन खानी व दुआ ए मग़फ़ेरत की गई
इस अवसर पर मकतबे शाहे नजफ़ के मुख्य अध्यापक मौलाना सय्यद मैहदी अब्बास ज़ैदी सिरसिवी ने कहा कि मौलाना नईम अब्बास के दुनिया से चले जाने से ज्ञान और साहित्य की दुनिया में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे भरा नहीं जा सकता। मौलाना न केवल एक संस्था के संस्थापक थे, बल्कि वे अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने धर्म की सेवा एक विद्वान या शासक के रूप में नहीं की, बल्कि जैसा कि उन्होंने खुद कहा था, “मैंने एक मजदूर की तरह काम किया है, जिसका इनाम सर्वशक्तिमान ईश्वर के अलावा कोई नहीं दे सकता।”
मौलाना अहमद रज़ा ने अपने सम्बोधन में कहा की मौलाना नईम अब्बास साहब ने देश-विदेश में धार्मिक प्रचार-प्रसार और शैक्षणिक सेवाएं कीं उन्होंने जनपद अमरोहा के नौगाँवा सादात स्थित शिक्षण संस्था जामिआतुल मुंतज़र की स्थापना के लिए कड़ी मेहनत की और सैकड़ों छात्रों को ज्ञान के रत्नों से अलंकृत किया। इन सबके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। बल्कि आफताबे खिताबत अपनी अच्छी सेवाओं के कारण अलग-अलग रूपों में चमकते रहेंगे।
हम दिवंगत आत्मा की शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और उनके परिवार तथा अनुयाईयों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हैं ।
शोक सभा में मौलाना अहमद रज़ा,शाही वास्ती, नायाब हैदर,मौहम्मद अब्बास,मौहम्मद आलम,मुन्तज़िर मेहदी,रौशन अब्बास,मुस्तुफा ज़ैदी, यासिर ज़ैदी,सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे