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बड़ा फैसला _बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट: दिशानिर्देशों का पालन किए बिना तोड़फोड़ नहीं होगी_

बड़ा फैसला _बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट: दिशानिर्देशों का पालन किए बिना तोड़फोड़ नहीं होगी_


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय

8382048247

 

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाया। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि उसने संविधान में दिए गए उन अधिकारों को ध्यान में रखा है, जो राज्य की मनमानी कार्रवाई से लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कानून का शासन यह सुनिश्चित करता है कि लोगों को यह पता हो कि उनकी संपत्ति को बिना किसी उचित कारण के नहीं छीना जा सकता।

कोर्ट ने यह भी कहा कि उसने शक्ति के विभाजन पर विचार किया है और यह समझा है कि कार्यपालिका और न्यायपालिका अपने-अपने कार्यक्षेत्र में कैसे काम करती हैं। न्यायिक कार्यों को न्यायपालिका को सौंपा गया है और न्यायपालिका की जगह पर कार्यपालिका को यह काम नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा, अगर कार्यपालिका किसी व्यक्ति का घर केवल इस वजह से तोड़ती है कि वह आरोपी है, तो यह शक्ति के विभाजन के सिद्धांत का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि जो सरकारी अधिकारी कानून को अपने हाथ में लेकर इस तरह के अत्याचार करते हैं, उन्हें जवाबदेही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
‘किसी निर्दोष को घर से वंचित करना पूरी तरह असंवैधानिक’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका (सरकारी अधिकारी) किसी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा सकती और न ही वह जज बन सकती है, जो किसी आरोपी की संपत्ति तोड़ने पर फैसला करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति को अपराध का दोषी ठहराने के बाद उसके घर को तोड़ा जाता है, तो यह भी गलत है, क्योंकि कार्यपालिका का ऐसा कदम उठाना अवैध होगा और कार्यपालिका अपने हाथों में कानून ले रही होगी। कोर्ट ने कहा कहा कि आवास का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और किसी निर्दोष व्यक्ति को इस अधिकार से वंचित करना पूरी तरह असंवैधानिक होगा।

इनसेट
‘किसी विध्वंस से 15 दिन पहले जारी होना चाहिए नोटिस’
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी भी संपत्ति का विध्वंस तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक उसके मालिक को पंद्रह दिन पहले नोटिस न दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह नोटिस मालिक को पंजीकृत डाक के जरिए से भेजा जाएगा और इसे निर्माण की बाहरी दीवार पर भी चिपकाया जाएगा। नोटिस में अवैध निर्माण की प्रकृति, उल्लंघन का विवरण और विध्वंस के कारण बताए जाएंगे। इसके अलावा, विध्वंस की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जाएगी और अगर इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता है तो यह कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी।


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