
जानलेवा हमले में घायल युवक की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
–सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी का विरोध करना पड़ा मंहगा
–लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी जिंदगी की जंग हार गया मुख्तार
रिज़वान सिद्दीकी
बिजनौर /झालू । सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी का विरोध करने को लेकर हुए विवाद के चलते जानलेवा हमले में घायल मुख्तार की 40 दिन बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
हल्दौर थाना क्षेत्र के गांव खारी निवासी हसन पुत्र फुरकान ने गांव के ही गफ्फार पुत्र इस्लामुद्दीन के विरुद्ध सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी। इस पर गफ्फार के भतीजे मुख्तार 35 वर्ष पुत्र सत्तार ने उक्त युवक को वीडियो वायरल करने को मना किया था । पीड़ित के परिजनों के अनुसार उस समय आसपास के लोगों ने समझा बुझाकर मामला शांत कर दिया था । अगले दिन मुख्तार कुछ सामान लेने दुकान पर गया था । पीछे से आए आरोपी हसन ने लोहे की रोड उठाकर मुख्तार पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। इसके बाद हसन के भाई ने भी मारपीट शुरू कर दी। लोगों ने बा मुश्किल मुख्तार को छुड़ाया और बिजनौर एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां से उसको राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। यह घटना 24 अप्रैल 2025 की बताई जा रही है। 01मई 2025 को पीड़ित की तहरीर पर आरोपी हसन के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया। उधर लंबे उपचार के बाद 3 जून 2025 को मंगलवार की रात्रि गंभीर घायल मुख्तार जिंदगी की जंग हार गया। परिजनों ने बताया कि मुख्तार मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उसके इलाज में लाखों रुपए खर्च हो गए । मरहूम के चार छोटे-छोटे बच्चे हैं और दो जवान बहने अभी शादी से बैठी हैं। इस घटना से परिवार पूरी तरह टूट गया है।
गफ्फार पुत्र इस्लामुद्दीन का कहना है कि मामले की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी, पीड़ित परिजनों ने पुलिस से मांग करते हुए कहा कि आरोपियों हसन व उसके भाई रजी उर्फ गुड्डू के विरुद्ध संगीन धाराए लगाकर कठोर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि परिवार को न्याय मिल सके।
हल्दौर थाना प्रभारी विजेंद्र सिंह राठी का कहना है कि शव को कब्जे में लेकर बिजनौर जिला अस्पताल पीएम के लिए भेज दिया है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।