
_कौन है कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी, जिसका अतीक- अशरफ हत्याकांड से है कनेक्शन; जेल से हुई रिहाई_
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय
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कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी सोनभद्र जेल से तीन दिन पहले रिहा हो चुका है। वह रिहाई के बाद सीधा दिल्ली पहुंच गया। इधर, उसके संपर्क में रहने वाले बंदियों की जेल प्रशासन की ओर से कड़ी निगरानी की जा रही हैकुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हो गया। वह लंबे समय से सोनभद्र की जिला जेल में बंद था। जेल अफसरों के मुताबिक भाटी की रिहाई तीन दिन पहले ही हो चुकी है। वह वाराणसी से होते हुए दिल्ली भी पहुंच गया है। सुंदर भाटी के बाहर आने के बाद पश्चिमी यूपी में हलचल बढ़ गई है। भाटी का उस क्षेत्र में काफी आतंक रहा है
।सुंदर भाटी पर हत्या, लूट, रंगदारी वसूलने सहित 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके सरकारी गनर भूदेव शर्मा की हत्या में उसे आजीवन कारावास की सजा भी मिल चुकी है। करीब चार साल से वह सोनभद्र जिला जेल में बंद था। पिछले साल प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद भी सुंदर भाटी का नाम चर्चा में आया था। अतीक और अशरफ की हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों के सुंदर भाटी से संपर्क होने के दावे किए गए थे। यह भी चर्चा थी कि शूटरों के पास से मिली जिगाना पिस्टल भाटी के इशारे पर ही उन तक पहुंची थी।
उसके संपर्क लॉरेंस विश्नोई गैंग से भी रहे हैं। फिलहाल भाटी की रिहाई ने जरायम जगत में हलचल मचा दी है। जेलर जगदंबा दुबे ने बताया कि सुंदर भाटी को हाईकोर्ट से जमानत के बाद जेल से तीन दिन पहले ही सुंदर भाटी को रिहा कर दिया गया था। जेल के अंदर उसके संपर्क में रहे अन्य बंदियों की निगरानी कराई जा रही है।
कौन है सुंदर भाटी
दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए आतंक का पर्याय रहे ग्रेटर नोएडा के घंघौला गांव निवासी कुख्यात सुंदर भाटी का 30 साल का आपराधिक साम्राज्य है। राजनीतिक गलियारों में अच्छी पैठ थी। पैठ भी ऐसी कि वह जेल में रहने के दौरान खेल प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के साथ पुरस्कार बांटता था। जनवरी, 2015 में उसका गौतमबुद्धनगर जिला जेल के अंदर से फोटो वायरल हुआ था, जिसे जेल के एक अधिकारी ने ही भेजा था।
सुंदर भाटी गिरोह की कार्यशैली
सुंदर भाटी गिरोह के गुर्गों का मुख्य कार्य रंगदारी वसूलना, सुपारी किलिंग, स्क्रैप के ठेके लेना, सरिया चोरी आदि था। पूर्वांचल की कई चर्चित हत्याओं में इस गिरोह का नाम चर्चा में आता रहा है।