
_बरेली जैसे अधूरे पुल सोनांचल में भी, गूगल मैप के भरोसे न करें सफर_
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यौरा कमलेश पाण्डेय
8382048247
सोनभद्र। सोनांचल में रात में यात्रा करते समय सतर्क रहें। सिर्फ गूगल मैप के सहारे ड्राइव न करें, इस तरह की लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। कारण कि अभी कई पुलों का निर्माण अधूरा है। जहां कहीं पुल का निर्माण हुआ था वहां बरसात के दौरान सड़क और पुल दोनों क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि गूगल मैप पर इन संपर्क मार्ग व पुल की स्थिति इससे इतर दिखाई देगी। ऐसे में किसी स्थानीय व्यक्ति से सड़क और पुल की स्थिति की जानकारी लेने के बाद ही वाहन चलाना हित में होगा। तय समय बाद भी सोनांचल में अभी कई पुलों का निर्माण पूरा नहीं हो सका है।
जिले के नगवां ब्लॉक मुख्यालय से सेमरिया होते हुए केतार-किरहुलिया जाने वाले संपर्क मार्ग पर कर्मनाशा नदी पर लोक निर्माण विभाग पुल का निर्माण करा रहा है। तय समय बीतने के छह माह बाद भी अभी न तो पुल का निर्माण पूरा हुआ है और न ही पुल के दोनों तरफ सड़क ही बनी है। ऐसे में लोगों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के दिन में यह समस्या और भी बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों की मानें तो पुल निर्माण के लिए कुल सात पिलर खड़े किए जाने हैं। मगर अभी तक पांच पिलर का ही काम पूरा हुआ है। दो पिलर का काम अधूरा है। पुल के दोनों तरफ करीब 600 मीटर सड़क का निर्माण कराया जाना है, मगर अभी नहीं हो सका है। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड द्वितीय की तरफ से यहां पुल का निर्माण कराया जा रहा है। गूगल मैप पर सर्च करके नगवां ब्लॉक मुख्यालय से किरहुलिया संपर्क मार्ग की स्थिति देखने पर रास्ता क्लियर दिखाई देता है। यदि गूगल के भरोसे इस रास्ते पर कोई व्यक्ति वाहन चलाता है तो उसके साथ बरेली जनपद जैसा हादसा हो सकता है। इसी तरह नगवां ब्लॉक के दरेंव गांव के पास नयनदह नदी पर बने पुल के पास सड़क बरसात के दौरान क्षतिग्र्रस्त हो गई है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है।घोरावल ब्लॉक के शिल्पी-कोड़ारी मार्ग पर सोन नदी पर कोलियाघाट के पास बन रहे सेतु का निर्माण अधूरा है। 2016 से चल रहा निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका है। घोरावल ब्लॉक के मुड़ीलाडीह गांव में बेलन नदी पर पुल का निर्माण वर्षो से अधूरा है। मड़िहान-घोरावल मार्ग पर बकहर नदी पर भी पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में यहां भी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
टूटी पुलिया के समीप लगवाया संकेतक
सड़कों के किनारे टूटे पुल व पुलिया तथा खुले नाले हादसे का सबब बन रहे हैं। दुद्धी ब्लॉक के विंढमगंज के पास मुड़िसेमर-अमवार मार्ग पर सततवाहिनी नदी पर पुलिया टूट गई थी। इस पर लोगों ने विरोध जताया। इसका असर रहा कि वहां संकेतक बोर्ड लगवाया गया। इसी तरह से अन्य स्थानों पर जहां पुल एवं पुलिया क्षतिग्रस्त है, वहां संकेतक लगवाए जाने की मांग की जा रही है।
कर्मनाशा नदी पर पुल का निर्माण तेजी से चल रहा है। एनओसी मिलने में विलंब होने से निर्माण कार्य में छह माह की देरी हुई है। मार्च 2025 तक पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। नयनदह नदी पर बने पुल के पास पाइप लाइन डालने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसकी मरम्मत करा दी गई है। -गोविंद यादव, एक्सईएन-पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड द्वितीय।
तीन साल से क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत नहीं
बभनी। विकास खंड बभनी के चपकी-नधिरा संपर्क मार्ग पर तीन साल पहले बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुई पुलिया की मरम्मत नहीं हो सकी है। इससे ग्रामीणों काे आवागमन में परेशानी हो रही है। गांव के लोगों को उस पार जाने के लिए आठ किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। क्षेत्र के राजेश कुमार, सुनील आदि ने पुल की मरम्मत कराए जाने की मांग की है।