
_सोनभद्र में अप्रशिक्षित चला रहे हास्पिटल विभाग मौन, नहीं हो रही कार्यवाही_
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
राहुल क्लिनिक घुवाश धरनीपुर रोड़
समस्त सोनभद्र में अप्रशिक्षित चला रहे हास्पिटल अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर, विभाग मौन बना हुआ है और नहीं कर रहा कोई कार्यवाही। जटिल व गंभीर बीमारियों के इलाज की दशा व दिशा तय करने में वैज्ञानिक, प्रमाणिक व तकनीकी स्रोत माने जाने वाला अल्ट्रासोनोग्राफी, यहां मरीजों की जान से खेलने का अच्छा साधन साबित हो रहा है। अल्ट्रासाउंड यानि सोनोग्राफी सेंटरों की मनमर्जी बेखौफ व बदस्तूर जारी है। दरअसल विभाग की कृपा से अब तक में यह प्रतिष्ठित व महत्वपूर्ण अब आम तौर पर अगाध कमाई व लोगों की जान से खेलने का धंधा साबित हो रहा है। सोनभद्र कचहरी से लेकर सोमनाथ मंदिर से जिला अस्पताल तक दुद्धी में अनपरा तमाम जगह में संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मानक का पालन नहीं हो रहा। केंद्र बिना रेडियोलॉजिस्ट के ही चल रहे हैं।
जिला अस्पताल इलेक्ट्रीशियन से भेज कर अल्ट्रासाउंड करवा रहे हैं
अप्रशिक्षित कर्मचारी अल्ट्रासाउंड केंद्र को चला रहे है। चर्चा है कि रिपोर्ट भी सही नही दे रहे है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी कभी जांच पड़ताल नही करते है। बिना रेडियोलॉजिस्ट के चल रहे। इन सेंटरों में आशा बहुओं की भी अच्छी सेटिंग रहती है। आशा बहुओ सामुदायिक स्वास्थ केंद्र न भेजकर कमीशन के चक्कर मे झोलाछाप डॉक्टरों के पास भेज देते है। इन सेंटरों में भ्रूण हत्या का कार्य भी चलता है।
आम लोगों की जिंदगी के सवाल से जुड़े मसले पर विभागीय स्तर पर गंभीरता नहीं।अल्ट्रासोनोग्राफी की मरीज को तभी जरूरत होती है जब सामान्य इलाज से मर्ज ठीक नहीं होता। ऐसे में डाक्टर रोग की गंभीरता व जटिलता का वैज्ञानिक व प्रमाणिक ढंग से पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड कराते हैं। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के आधार पर डाक्टर कई गंभीर प्रकृति के ऑपरेशन भी करते हैं। लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर सेंटरों पर अप्रशिक्षित लोग जब मरीजों का अल्ट्रासाउंड कर अपना हाथ साफ करने लगे तो क्या होगा। लेकिन यहां अधिकांश सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड के नाम पर यही हो रहा है। मोटा कमीशन के चक्कर में कई डाक्टर सच्चाई जानने के बावजूद भोले भाले मरीजों को आर्थिक दोहन के लिए ऐसे सेंटरों में बिना जरूरत भी भेजकर अपनी जेब गरम करते हैं