
177 में से 54 दवाएं और 96 में से 22 इंजेक्शन नहीं
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
मिर्जापुर। मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सालय से संबद्ध मंडलीय अस्पताल और भैरो प्रसाद जायसवाल चिकित्सालय में 54 दवाएं और 22 इंजेक्शन नहीं हैं। मंडलीय अस्पताल के दवा काउंटर के पास दवा और इंजेक्शन की उपलब्धता का बोर्ड लगा है। बोर्ड में 177 प्रकार की दवाओं की जानकारी दी गई है। इसमें 54 दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसी तरह सेे 96 में 22 इंजेक्शन नहीं हैं।भैरो प्रसाद जायसवाल चिकित्सालय में चार विभाग हैं। वहां पर नेत्र, मानसिक, चर्म रोग और नाक, कान व गला रोग का विभाग है। सड़कों पर अधिक धूल होने के चलते आंंखों में इंफेक्शन के मरीज बढ़े हैं। इसके बाद भी अस्पताल में नेत्र रोग की दवा काफी समय से नहीं है। मानसिक रोग और चर्म रोग की सभी दवाएं नहीं हैं। चर्म रोग की दवाएं काफी महंगी आती हैं। इन्हें बाहर मेडिकल स्टोर से ही लेना पड़ता है। अस्पताल खुले तीन महीने हो गया है। अस्पताल के बाहर पांच मेडिकल स्टोर संचालित होते हैं। बात मंडलीय अस्पताल की करें तो वहां पर दवा काउंटर पर 177 दवाओं की सूची है। इसमें से 54 दवाओं के आगे उपलब्धता नहीं होने के कारण नो लिखा गया है। इसी तरह से इंजेक्शन की सूची में 96 में 22 के आगे नो लिखा है। इनमें कई जरूरी दवाएं हैं।नहीं है ये दवाएं और इजेंक्शन
मंडलीय अस्पताल के दवा काउंटर बोर्ड पर जो लिस्ट लगी है। उसमें जिन दवाओं व इंजेक्शन की उपलब्धता नहीं है। उसमें इंजेक्शन में पैरासिटामोल 10 एमजी बोतल, पैंटोप्राज़ोल, रेस्प्यूल, पाइपेरासिलिन/टाज़ोबैक्टम, मिर्गी के लिए फेनोबार्बिटोन,सिज़ोफ्रेनिया मरीज के लिए हेलोपेरिडोल इंजेक्शन समेत 22 इंजेक्शन नहीं है। एलर्जी के लिए सीरप हाइड्रोक्सीज़ीन, ओसेल्टामिविर, एमास्किलीन 125 एमजी, ईयर ड्राप क्लोट्रिमेज़ोल, दवा में बैक्टेरिया संक्रमण रोकने में एंटी बायोटिक सेफैलेक्सिन 250 एमजी, विटामिन डी 60 के, कार्बिमाजोल 10 एमजी,सेफिक्साइम 200 एमजी आदि कई दवाएं नहीं हैं।
जीवन रक्षक जरूरी दवाएं अस्पताल में हैं। सारी दवाएं मेडिकल कॉरपोरेशन से आती हैं। जो दवा नहीं हैं। उसकी मांग की गई है। कॉरपोरेशन से दवा मिलने पर उसे उपलब्ध कराया जाएगा।