
पूर्णिमा पर दो लाख ने किए मां विध्यवासिनी के दर्शन“`
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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विंध्याचल, मिर्जापुर। जेठ की पूर्णिमा पर बुधवार को मां विंध्यवासिनी के दरबार में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। तेज धूप और तपती दोपहर में भी गंगा घाटों से मंदिर तक भक्तों की कतारें लगी रहीं। भोर से देर शाम तक दर्शन-पूजन का सिलसिला चलता रहा। मंदिर बंद होने तक दो लाख से ज्यादा आस्थावानों ने मां के दरबार में शीशबुधवार को भोर में घंटा-घड़ियाल, शंख एवं नगाड़े के बीच मां विंध्यवासिनी की मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए कपाट खोल दिए गए थे। इसके साथ ही दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया था। किसी ने झांकी से तो किसी ने गर्भगृह में जाकर मां का दर्शन-पूजन कर परिवार में खुशहाली के लिए कामना की। मां की एक झलक पाने को दर्शनार्थी लालायित नजर आए। महिलाओं ने मां को हलवा-पूड़ी का भोग लगाया। मंदिर की छत पर शहनाई, नगाड़े बजते रहे। मां के दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने गुंबद की भी परिक्रमा की।वहीं,आस्थावानों की भारी भीड़ के चलते विंध्य की गलियां भक्तों से पटी रहीं। न्यू वीआईपी और पुराने वीआईपी मार्ग, बच्चा पाठक गली, जैपुरिया गली, थाना गली में कतारों में खड़े भक्त मां का जयघोष करते मंदिर की तरफ बढ़े जा रहे थे। मां के दर्शन के बाद भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा की। पहाड़ पर विराजमान मां अष्टभुजी देवी और मां काली के मंदिर में भी भक्तों की कतारें लगी रहीं। विंध्य धाम में उमड़ी भीड़ के कारण मंदिर की तरफ जाने वाले वाली गलियों में जाम लगा रहा। विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि रात तक करीब दो लाख भक्तों ने माता का दर्शन-पूजन किया