
धीरज विश्वकर्मा क्लिनिक रामपुरिया कलवारी से लेकर ग्रामीण अंचल तक बड़े पैमाने पर झोलाछाप बेखौफ होकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई पर अभियान चल रहा है
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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क्लिनिक में दवाओं की जगह मिला चौंकाने वाला सामान, पत्रकार के छापे में खुल गई झोलाछाप डॉक्टर की पोल अवैध नशीली दवाएं एक्सपायर दवा गरीबों को दे रहे हैं उनके पास कोई रजिस्ट्रेशन कोई डिग्री धारक फायर पाइपलाइन होजरी 5000 टंकी मकान का नक्शा पार्किंग की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है
मरीजोंके साथ खिलवाड़ करने वाले झोला छाप डॉक्टरों की पहचान कर उनके विरुद्ध कानूनी शिकंजा कसने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को पत्र भेजकर इस दिशा में कार्रवाई करने की बात कही गई है। जिले के झोला छाप डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है मगर सरकार के आदेश के बाद भी ऐसे धीरज विश्वकर्मा क्लिनिक डॉक्टरों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जानकार लोग बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं की मिलीभगत से झोला छाप डॉक्टर खुलेआम प्रैक्टिस कर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर अपनी कमाई कर रहे हैं। अपना उल्लू सीधा करने के लिए झोला छाप डॉक्टर लाखाें रुपए खर्च कर निजी क्लिनिक एवं जांच सेंटर संचािलत कर रहे हैं। कई झोला-छाप डॉक्टर तो क्लिनिक के बाहर एमबीबीएस सहित कई बीमारी के विशेषज्ञ होने की डिग्री तक लिख रखा है। जिले में बेखौफ एेसे गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है।
झोला छाप डॉक्टरों के फलने-फूलने में रैकेट करता है मदद
झोलाछाप डॉक्टरों को नर्सिंग होम संचालकों एवं दवा दुकानदारों का पूरा सहयोग प्राप्त होता है। इन्हीं की आड़ में इस गोरखधंधा को बेखौफ अंजाम दिया जाता है। गांव हो या शहर, इस रैकेट से कोई नहीं बच पा रहा है। क्या अनपढ़ आैर क्या शिक्षित सभी इसके शिकार बन रहे हैं। साधारण बीमारी के इलाज के नाम पर मरीजों से दवा एवं जांच के नाम पर भारी रकम एेंठी जाती है। बड़े-बड़े नर्सिंग होम और दवा दुकानदारों से झोलाछाप डॉक्टरों का मधुर संबंध होता है।
प्रभारी चिकित्सा डॉ पवन कश्यप जी झोलाछाप चिकित्सकों की जाच करके बंद करने का अभियान चलाने का कार्य कर रहे हैं प्रभारी जी ने कहा झोलाछाप क्लीनिक पर बिना रजिस्ट्रेशन नहीं मिला उनके ऊपर उचित कार्रवाई किया जाएगा