
भारत को मिल सकता है वीटो पावर
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को वीटो पावर दी गई है। ये सदस्य हैं – चीन, फ़्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम, और संयुक्त राज्य अमेरिका। ये देश वीटो पावर का इस्तेमाल कर किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर सकते हैं।
*संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं। इनमें से पांच देश स्थायी सदस्य हैं और इन्हें वीटो पावर का अधिकार है। वहीं, डबल वीटो की स्थिति में कोई स्थायी सदस्य लगातार दो वीटो लगाकर किसी महत्वपूर्ण निर्णय को रोक सकता है।*
5 कारण जिससे भारत को मिलेगा ‘वीटो पावर’
1 .आबादी : भारत दुनिया का सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश है। भारत की बढ़ती आबादी और युवा जनसंख्या भारत को वीटो पावार का बड़ा दावेदार बनाता हैं।
2 .अर्थव्यवस्था: भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है। आज के समय में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में पांचवे नंबर पर पहुंच चूका हैं।
3 .सैन्य शक्ति: भारत को दुनिया का चौथा सबसे ताकतवर देश माना जाता है। ऐसे में भारत के पास वोटो पावार की शक्ति होनी चाहिए।
4 .ज्ञान और नवाचार: भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, और नवाचार के क्षेत्र में अपनी ताकत से वैश्विक ख्याति अर्जित कर चुका है। भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया है। वहीं भारत मंगल ग्रह तक पहुंच चूका हैं।
5 .विदेश नीति : भारत ने कहा है कि वैश्विक संतुलन बनाने के लिए उसका मज़बूत रहना ज़रूरी है। ऐसे में भारत के पास वीटो पावर होनी चाहिए।