
वांकल माता वीरातरा मेले में उमड़े श्रद्धालु,धोक लगाकर मांगी मन्नतें:3 दिवसीय मेले में नवविवाहित जोड़ों ने की पूजा-अर्चना, भक्तों की लगी कतारें..!!
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
बाड़मेर
बाड़मेर जिले के वांकल वीरातरा माता मंदिर में तीन दिवसीय मेले के अंतिम दिन श्रद्धालुओं दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। बीते दो दिनों में बड़ी संख्या में भक्त वांकल मां के दर्शन कर चुके हैं। इस मेले में राजस्थान सहित पूरे देश से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। ट्रस्ट अध्यक्ष सगतसिंह का कहना है कि यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ट्रस्ट की ओर से आने वाले भक्तों के लिए दर्शन करने, पानी, प्रसादी सहित सभी सुविधाएं की गई हैं। आज अंतिम दिन भी श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है।
तीन दिवसीय मेले में लाखों की संख्या में करते है श्रद्धालु दर्शन।
दरअसल, वीर विक्रमादित्य की ओर से स्थापित प्राचीन, ऐतिहासिक एवं चमत्कारिक वांकल वीरातरा माता के मंदिर में 16 से 18 सितंबर तक तीन दिवसीय मेला भरा गया। अंतिम दिन भी मेले में हजारों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं। साल में चैत्र माह, भाद्रपद माह और माघ माह में तीन बार वीरातरा का मेला लगता हैं। सबसे ज्यादा भक्तों की आवाजाही इस भाद्रपद महीने के मेले में होती हैं। इस बार भी वांकल माता के मेले में हजारों देवी भक्त पहुंचे हैं। चौहटन कस्बे से केलनोर की तरफ जाने वाली सड़क पर ठीक 10 किलोमीटर दूर वीरातरा माता का तीर्थ स्थल बना हुआ है।
तीन दिवसीय मेले में नव विवाहित जोड़ा यहां दर्शन करने पहुंचता है। यहां पर विशेष पूजा-अर्चना करते है। वहीं मन्नत मांगते है। ऐसी मान्यता है कि वांकल मां के यहां जो भी मन्नत मांगते है वो पूरी होती है। भक्त फिर मंदिर पहुंचकर धोलक लगाते है।
रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाया मंदिर।
*भक्त पैदल संघ के साथ पहुंचे रहे*
वांकल वीरातरा माता के मेले में पैदल चलकर पहुंचने वाले संघों का हुजूम उमड़ पड़ा हैं। चौहटन से बाड़मेर, धोरीमन्ना, जालोर, सिरोही, गुजरात आदि के मुख्य मार्गों पर पैदल संघों की भीड़ लगी हुई हैं। वांकल माताजी के मंदिर परिसर को लाइटिंग एवं डेकोरेशन से सजाया गया हैं। ट्रस्ट कमेटी द्वारा इतनी बड़ी संख्या में आने वाले यात्रियों के लिए तमाम व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की रेलमपेल।
*प्रशासन व ट्रस्ट की ओर से समुचित व्यवस्था*
दूसरी ओर प्रशासन द्वारा भी मेला परिसर में समुचित प्रबंधन किए जा रहे हैं। मेला परिसर में प्रसाद आदि के लिए हाट बाजार लगाए हुए हैं। वहीं बच्चों के मनोरंजन आदि के लिए भी अनेक झूले आदि लगवाए गए हैं। वांकल माताजी के मेला परिसर में भजन गायकों द्वारा पूरी रात भजन संध्या का आयोजन भी होगा।