
किशोरी से दुष्कर्म करने वाले को राहत देना अनुचित
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्योरो कमलेश पाण्डेय
8382048247
सोनभद्र। करीब सात वर्ष पहले घर में घुसकर किशोरी से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 1.10 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया। इसमें से 80 हजार रुपये पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाएंगे।कोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी खुद को बेकसूर और आपसी रंजिश में फंंसाने की दलील देते हुए रहम के लिए गिड़गिड़ाता रहा, मगर कोर्ट ने उसकी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि 16 वर्ष से कम आयु की किशोरी के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म अपराध की ऐसी प्रकृति है, जिसमें किसी भी तरह की राहत अनुचित होगाअभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने 15 दिसंबर 2017 को घोरावल थाने में तहरीर देकर बेटी के साथ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि घर में बेटी अपनी दादी के साथ थी। तभी प्रवेश कुमार यादव घर में घुस गया और बेटी के साथ दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गया। भागते समय उसका कपड़ा, मोबाइल और साइकिल घर पर ही छूट गया था। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दुष्कर्म और पाॅक्सो एक्ट में केस दर्ज कर मामले की विवेचना कर चार्जशीट दाखिल किया था। बुधवार को सुनवाई में कोर्ट ने प्रवेश यादव को दोषी करार दिया था। बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म और पाॅक्सो एक्ट में दोषी प्रवेश को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से ही न्याय की मंशा पूर्ण होगी। उन्होंने अलग-अलग मामलों में उस पर कुल 1.10 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया