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53 निजी अस्पतालों पर लग सकता है ताला,झोलाछाप डॉक्टरों पर होगी सख्त कार्रवाई     चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय       8382048247

53 निजी अस्पतालों पर लग सकता है ताला,झोलाछाप डॉक्टरों पर होगी सख्त कार्रवाई     चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय       8382048247


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

 

सोनभद ।जिले में संचालित 50 से अधिक अस्पतालों पर ताला लगने की नौबत आ गई है। नए नियमों के तहत इन अस्पतालों के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं हुआ है। इस सूची में कई चर्चित अस्पताल भी शामिल हैं।नवीनीकरण में सबसे बड़ी बाधा एक डॉक्टर का एक समय में एक से अधिक अस्पतालों पर सेवा न देने की शर्त है। ज्यादातर अस्पताल इस मानक को पूरा नहीं कर पा रहे। दो दिन पूर्व हुई बैठक में डीएम ने भी बिना पंजीकरण संचालित अस्पतालों को सख्ती से बंद कराने के निर्देश दिए थे। अब विभाग ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की रुपरेखा बनाने में जुटा है।निजी अस्पतालों में मरीजों का उत्पीड़न रोकने और उनकी जिंदगी से खिलवाड़ रोकने के लिए शासन ने नियमों में बदलाव किए हैं। अस्पताल में कार्यरत सभी चिकित्सक व स्टाफ का नाम, पता, फोटो, आधार और शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साथ पूरा विवरण जमा कराना है। उनकी मौजूदगी का भी सत्यापन होना है।इसके अलावा एक चिकित्सक को अधिकतम दो अस्पतालों में सेवा देने का विकल्प रखा गया है, लेकिन उन्हें शपथ पत्र देकर यह स्पष्ट करना होगा कि वह कब, कहां और कितने घंटे सेवा देंगे। कई अन्य शर्तें भी रखी गई हैं। नए नियमों के तहत सभी अस्पतालों को 30 अप्रैल तक पंजीकरण और उसका नवीनीकरण कराना था।
बाद में समय सीमा में थोड़ी छूट दी गई थी। जिले में कुल 98 निजी अस्पताल पंजीकृत थे। तय समय सीमा में केवल 45 ने ही पंजीकरण का नवीनीकरण कराया है। शेष 53 अस्पतालों के पंजीकरण की वैधता खत्म हो चुकी है।दूसरी ओर क्लीनिक के रूप में पंजीकृत 27 केंद्रों के लिए भी नए नियमों से इनकी संख्या घटी है। नवीनीकरण न होने के बाद भी इन अस्पतालों का संचालन जारी है। पहले ही तरह ही उनमें मरीज भर्ती हो रहे हैं और अप्रशिक्षित स्टाफ के भरोसे उपचार भी हो रहा है।
डेढ़ सौ से अधिक बिना पंजीकरण वाले अस्पताल संचालित
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में पहले से पंजीकृत 98 अस्पतालों को छोड़ दें तब भी जिले में अवैध अस्पतालों की बड़ी संख्या है। करीब डेढ़ सौ से अधिक निजी अस्पताल व क्लीनिक ऐसे हैं, जिनका कहीं पंजीकरण नहीं है। बोर्ड पर किसी चिकित्सक का नाम लिखकर अस्पताल चलाया जा रहा है, जबकि वह चिकित्सक वहां मौजूद नहीं रहते। अप्रिशिक्षित स्टाफ ही मरीजों को भर्ती व उपचार करते हैं।
फर्जी अस्पताल व झोलाछाप डॉक्टरों पर* *होगी सख्त कार्यवाही
रॉबर्ट्सगंज से सटे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों, मधुपुर, सुकृत, करमा, , पगिया, इमलीपुर,शाहगंज बाजार, रामगढ़, खलियारी, घोरावल, चोपन, दुद्धी, कोन सहित अन्य क्षेत्रों में ऐसे अस्पतालों व झोलाछाप डॉक्टरों की बड़ी संख्या है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में पिछले साल ऐसे कई अस्पतालों को बंद भी कराया गया, बावजूद उनका संचालन नए नाम और पते के साथ फिर शुरू हो गया है।जांच के दौरान अगर कहीं भी फर्जी अस्पताल व झोलाछाप डॉक्टर पाए गए तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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