
50 मेगावाट के सौर ऊर्जा पॉवर प्लांट का कार्य प्रभावित
तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।
चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय
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सोनभद्र। देश की ऊर्जा राजधानी सोनभद्र में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने की रफ्तार धीमी पड़ती दिख रही है। घोरावल तहसील क्षेत्र के झकाही में निर्माणाधीन 50 मेगावाट के सोलर पाॅवर प्लांट की स्थापना की रफ्तार में कमी आ गई है। निजी संस्था एम पावर प्लस की ओर से लगाए जा रहे सोलर पावर प्लांट में बनने वाली बिजली ग्रिड के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचनी है।पर्यावरण की बढ़ती चुनौतियों के बीच सरकार क्लीन और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही है। सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली पैदा करने पर विशेष जोर है। इसी के तहत निजी संस्था एम पावर प्लस ने सोनभद्र के झकाही में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना का करार किया है।इसके तहत संस्था करीब 250 करोड़ निवेश कर 170 एकड़ क्षेत्रफल में 50 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित कर रही है। इसे जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। सोलर पैनल लगाने और उससे बिजली बनाने की प्रक्रिया काफी हद तक पूरी भी हो चुकी है। अब इसे ग्रिड से जोड़ने का कार्य शेष रह गया है। इस पाॅवर प्लांट में बनने वाली बिजली को पसहीं के पास पारेषण लाइन के माध्यम से ग्रिड से जोड़ा जाना है। पारेषण निगम के अधिकारी इसे अंतिम रूप देने में जुटे हुए थे। हालांकि बरसात से प्लांट की स्थापना का काम काफी पीछे हो गया है। बेलन नदी के निकट प्लांट होने के कारण नदी का प्लांट तक काफी चढ़ गया है। इससे कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। कई मशीनें पानी और कीचड़ में फंस गई हैं। ऐसे में इस प्लांट से उत्पादन शुरू होने में अभी कई महीने लग सकते हैं।