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102 अस्पताल और 71 लैब पंजीकृत, 800 से ज्यादा अवैध*  समाजसेवी आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश पाण्डेय उच्च अधिकारियों को पत्र देकर कार्रवाई करने की मांग की है

102 अस्पताल और 71 लैब पंजीकृत, 800 से ज्यादा अवैध*  समाजसेवी आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश पाण्डेय उच्च अधिकारियों को पत्र देकर कार्रवाई करने की मांग की है


तेजस्वी संगठन ट्रस्ट।

चीफ़ ब्यूरो कमलेश पाण्डेय

8382048247

अदलहाट में कोरिया अबैध तरीके से झोलाछाप डॉक्टर संचालित कर रहे हैं गरीब मजदूर आदिवासी जनता के साथ झोलाछाप डॉक्टर शोषण कर रहे हैं उनका खून भी चूस रहे हैं स्वास्थ्य विभाग अधिकारी बिलकुल मौन है
” *मिर्जापुर* । स्वास्थ्य विभाग में 102 अस्पताल और 71 लैब पंजीकृत हैं, लेकिन जिले में 800 से ज्यादा अवैध चल रहे हैं। न सिर्फ बिना रजिस्ट्रेशन और मानकों के खिलाफ अस्पताल चल रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में झोलाछाप भी इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इन पर अंकुश लगाने में नाकाम है।जिले में मंडलीय अस्पताल के अलावा सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी और बड़ी संख्या में आयुष्मान आरोग्य केंद्र खोले गए हैं। इसके बाद भी प्राइवेट अस्पताल की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिना मानक के अस्पतालों का संचालन हो रहा है। नगर में कई अस्पताल है एक या दो कमरे में चल रहे है। ऐसे अस्पतालों में आपरेशन से लेकर प्रसव तक हो जा रहा है। वह अस्पताल खोलने का मानक भी पूरा नहीं कर रहे, इसके बाद भी उन पर रोक नहीं लग पा रहा है। उनके पास न तो डाक्टर है न प्रशिक्षित स्टाफ है। स्वास्थ्य विभाग में 102 निजी अस्पताल और 71 लैब का पंजीकरण है जबकि जिले भर में 800 से ज्यादा अवैध अस्पताल संचालित हो रहे हैं। नगर के पक्के पोखरा, भरुहना सरस्वती बिहार कालोनी, स्टेशन रोड, रमईपट्टी आदि स्थानों पर अवैध अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं।
*”ग्रामीण क्षेत्र में तो दुकान की तरह खुले है अस्पताल*
ग्रामीण क्षेत्र में दुकानों की तरह अस्पताल खुले हुए है। इलाज के नाम पर लोगों से मनमानी नसूली की जाती है। साथ ही कई मरीजों मौत इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है।पटेहरा क्षेत्र में 50 से ज्यादा झोलाछाप सक्रिय हैं। जनवरी 2024 से अब तक झोलाछाप से इलाज कराने पर पांच लोगों की मौत हो चुकी है। हलिया के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 10 से ज्यादा झोलाछाप इलाज कर रहे हैं। कलवारी क्षेत्र के धुरकर, चिखुड़िया कलवारी में 20 से अधिक झोलाछाप सक्रिय है। चेतगंज: एक पंजीकृत क्लीनिक है और 10 से ज्यादा अवैध क्लीनिक चल रही हैं। जिगना के बिरोही, अकोढ़ी, विजयपुर, गैपुरा, बिहसड़ा कला, नरोइया, जिगना, हरगढ़, खैरा, बसेवरा, मिश्रपुर, नौगांव, जोपा, बबुरा में अवैध क्लीनिक और झोलाछाप इलाज कर रहे है। विंध्याचल: अष्टभुजा, शिवपुर बाजार, शिवपुर हाइवे, अमरावती चौराहा, महुआरी कला, बसही, ओझला पुल, गजिया, कतित, बरतर तिराहे, बंगाली चौराहा, रेहड़ा चुंगी, रोडवेज, काली खोह मोड़ पर कछुआ कलवारी लालगंज भगोड़ा अवैध क्लीनिक चल रही हैं। राजगढ़ क्षेत्र में 50 से ज्यादा अवैध क्लीनिक चल रही हैं। चुनार के लाल दरवाजा, टेकौर, बहरामगंज चेराकेपुरा, रैपुरिया, बालूघाट में अवैध क्लीनिक का संचालन हो रहा है। जमुई और चचेरी मोड़ पर बिना पंजीकरण के अस्पताल चल रहे है। भावां: पचोखरा, लालपुर, भावां बाजार आदि क्षेत्रों में बिना पंजीकरण के अस्पताल चल रहे है। अदलहाट के भुईली खास, विक्सी, रानीबाग में अवैध अस्पताल संचालित हो रहे है। सक्तेशगढ़ : जौगढ, लालपुर, नुनौटी, बलुआ बजाहुर, कोठिलावा, माया नगर में झोलाछाप धड़ल्ले से इलाज कर रहे है।


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